चीन का पाखंड? भारत के साथ आंतरिक सुरक्षा समझौता और आतंकवादी मसूद अज़हर का भी बचाव

आतंकवाद-विरोध, संगठित अपराध, ड्रग नियंत्रण और अन्य संबंधित क्षेत्रों में समन्वय के लिए चीन ने पहली बार भारत के साथ आंतरिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह और चीन के जन सुरक्षा मंत्री ज़ाओ केज़ी की संयुक्त अध्यक्षता में द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग के लिए आयोजित भारत-चीन उच्च-स्तरीय बैठक में यह अनुबंध सुनिश्चित हुआ।
“भारत के गृह मंत्रालय और चीन के जन सुरक्षा मंत्रालय के बीच दोनों मंत्रियों की उपस्थिति में सुरक्षा सहयोग पर समझौता हुआ। इस समझौते से वार्ता सुदृढ़ और संघटित होगी, साथ ही आतंकवाद-विरोध, संगठित अपराध, ड्रग नियंत्रण और अन्य संबंधित क्षेत्रों में समन्वय बढ़ेगा।”, सरकार की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया।
Had a fruitful meeting with the State Councilor and Minister of Public Security of China, Mr. Zhao Kezhi in New Delhi today. We discussed issues of mutual interest, including bilateral counter-terrorism cooperation. pic.twitter.com/oOOLvckhPy
— राजनाथ सिंह (@rajnathsingh) October 22, 2018
हालाँकि चीन ने टिप्पणी की है कि यह समझौता सहायक सिद्ध होगा, परंतु इसने पाकिस्तान के आतंकवादी अज़हर मसूद पर अपनी मुद्रा नहीं बदली है। संयुक्त राष्ट्र में भारत मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करवाने का प्रयास कर रहा है लेकिन चीन ने अपने विटो अधिकार से इस घोषणा को रोक रखा है। कारण के तौर पर चीन ने कहा है कि इस मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान का एक मत नहीं है और ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किए जाने के लिए सबूतों का अभाव है।
मसूद अज़हर के मुद्दे पर प्रश्न किए जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, “हम अपनी स्थिति पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं।” मीडिया से संवाद के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच वे सुरक्षा और कानून को लागू करने में सहयोग के नए आयामों पर भी विचार करेंगे।