वॉट्सैप, टेलीग्राम, सिग्नल : सुरक्षित मैसेजिंग के लिए क्या सही है?

कई वर्षों तक सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप बने रहने के बाद निजता नीति अपडेट के कारण वॉट्सैप को झटका लगा है। उपभोक्ताओं की प्रक्रिया देखकर कंपनी ने नई निजता नीति को अपनाने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है और साथ ही अपना स्टेटस अपडेट किया जो सभी उपभोक्ताओं को दिख सके।
उपभोक्ताओं की निजता की रक्षा करने की बात दोहराने के साथ कंपनी ने कहा कि वॉट्सैप लोगों की निजी बातें पढ़-सुन नहीं सकता है क्योंकि वे एंड-टू-एंड इनक्रिप्टेड हैं, अर्थात् भेजने और प्राप्त करने वाले के संदेश इस तरह से कोडेड हैं कि उन दोनों के अलावा कोई तीसरा उसे नहीं देख सकता है।
नई निजता नीति के अनुसार वॉट्सैप अपनी मालिक कंपनी फेसबुक से अधिक डाटा साझा करेगा। इससे अक्टूबर 2020 तक 200 करोड़ का आँकड़ा छू चुके कंपनी के उपभोक्ता विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। हालाँकि, वॉट्सैप प्रमुख कैथार्ट ने ट्विटर पर कहा कि वे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
हालाँकि नई निजता नीति का प्रभाव लोगों और व्यापारों के बीच के संचार पर तो अवश्य पड़ेगा। वैसे भी, वॉट्सैप जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है, इसपर व्यापार संचार बढ़ेंगे। ऐसे में इस स्पष्टीकरण से लोग शांत हो जाएँ, इसकी संभावना कम है।
वॉट्सैप कहता है, “व्यापार को मैसेज करना, मित्रों और संबंधियों को मैसेज करने से अलग है। कुछ बड़े व्यापारों को संचार प्रबंधन के लिए आवश्यकता होती है होस्टिंग सेवाओं की। इसलिए हम फेसबुक के माध्यम से अपने उपभोक्ताओं से वॉट्सैप चैट करने का प्रस्ताव व्यापारों को दे रहे हैं ताकि वे उनके प्रश्नों का उत्तर और रसीद जैसी अन्य आवश्यक जानकारी साझा कर सकें।”
“लेकिन यदि आप एक व्यापार से फोन, ई-मेल या वॉट्सैप के माध्यम से बात करते हैं तो कंपनी उसे देख सकती है और इस जानकारी का उपयोग अपने मार्केटिंग उद्देश्यों जैसे फेसबुक पर प्रचार के लिए कर सकती है।”, स्पष्टीकरण में कहा गया है लेकिन जोड़ा गया है कि “फेसबुक की होस्टिंग सेवाओं का उपयोग करने वाले व्यापारों की बातचीत को लेबल किया जाएगा।”
उपभोक्ताओं के सामने चुनौती यह है कि सेवा की शर्तों में परिवर्तन के साथ-साथ उन्हें दो विकल्पों में से चुनना है- इस शर्त को मानें या न मानें। यदि वे इसे नहीं मानते हैं तो उनके पास एकमात्र विकल्प है वॉट्सैप को छोड़ने का जिसके लिए पहले 8 फरवरी की तारीख तय की गई थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 15 मई कर दिया गया है।
अब वॉट्सैप उपभोक्ता इस चिंतन में हैं कि वास्तविकता में यह ऐप कितनी सुरक्षित है। डाटा के लिए फेसबुक की भूख को लोग पहले से जानते हैं जो उनकी चिंता बढ़ाता है। ऐसे में कई लोग चुपचाप बैठने की बजाय वॉट्सैप के विकल्प खोज रहे हैं। इस स्थिति में दो ऐप्स- टेलीग्राम और सिग्नल- लाभ की स्थिति में दृष्टिगोचर हैं क्योंकि उनकी और लोगों का ध्यान गया है और ट्रैफिक व डाउनलोड की संख्या भी बढ़ी है।
गूगल प्ले स्टोर पर शीर्ष मुफ्त ऐप की सूची में सिग्नल प्रथम ऐप बन गया है, वहीं टेलीग्राम पाँचवें स्थान पर है।
ट्रेंडिंग श्रेणी में वे क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर हैं। 7 जनवरी को सिग्नल ने सत्यापन कोड भेजने में देरी की समस्या रिपोर्ट की थी क्योंकि कई सारे लोग सिग्नल से जुड़ रहे थे। एक दिन में इस समस्या का समाधान करके वे नए उपभोक्ताओं को अपनाने के लिए तैयार हो गए। वहीं, टेलीग्राम ने मुखर रूप से वॉट्सैप पर तंज कसा।
— Telegram Messenger (@telegram) January 10, 2021
There’s a cure for that. pic.twitter.com/Qg7FbOCv0L
— Telegram Messenger (@telegram) January 10, 2021
वॉट्सैप के विकल्प टेलीग्राम और सिग्नल
वॉट्सैप की तरह सिग्नल और टेलीग्राम से भी व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से लिखित संदेश भेजने के साथ-साथ वीडियो और वॉइस कॉल किए जा सकते हैं। इमोजी और स्टिकर भी उपलब्ध हैं। लेकिन मुख्य अंतर इससे पड़ता है कि निजता के लिए ये ऐप क्या कर रहे हैं।
कई वर्षों से सिग्नल ने सुरक्षित मैसेजिंग मंच होने का नाम कमाया है। इस पहचान को अमेरिका के विसल ब्लोवर और निजता की वकालत करने वाले एडवार्ड स्नोडेन का समर्थन प्राप्त है जिन्होंने 2015 में ट्वीट किया था कि वे प्रतिदिन सिग्नल का उपयोग करते हैं।
हाल ही में जब ट्विटर पर पूछा गया था कि क्या हम सच में सिग्नल पर विश्वास कर सकते हैं तब भी स्नोडन ने इसके समर्थन में कहा था कि वे इसका प्रतिदिन उपयोग करते हैं और अभी तक जीवित हैं। ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डॉर्सी और तकनीकी उद्यमी (टेस्ला, स्पेसएक्स) इलॉन मस्क ने भी सिग्नल को अपना समर्थन दिया। ऐसा ही कई भारतीय तकनीकी उद्यमियों ने भी किया।
सिग्नल यूनाइटेड स्टेट्स आधारित लाभ न कमाने वाली संस्था सिग्नल टेक्नोलॉजी फाउंडेशन द्वारा संचालित है। सिग्नल दान और दक्षिणा पर चलने वाली निजता केंद्रित, ओपन सोर्स परियोजना है। इस ऐप पर कोई प्रचार सामग्री नहीं है और आप इसका मुफ्त में उपयोग कर सकते हैं। नए उपभोक्ताओं को सिर्फ अपना संपर्क सूत्र देना होता है।
रेडिट के “कूछ भी पूछो” के उत्तर में सिग्नल मैसेंजर दल ने कहा था, “हम बिना लाभ की संस्था इसलिए चला रहे हैं क्योंकि हम ऐसा व्यापार मॉडल तैयार करना चाहते थे जिसमें निजी डाटा की आवश्यकता न हो।” सिग्नल के ओपन सोर्स होने का अर्थ यह है कि इस सॉफ्टवेयर की प्रति बनाई जा सकती है या दूसरों, विशेषकर विशेषज्ञों द्वारा डाउनलोड करके इसके सुरक्षित होने की जाँच की जा सकती है।
सुरक्षा शोधकर्ता मॉक्सी मार्लिनस्पाइक और रोबोटिसिस्ट स्टुअर्ट एंडरसन ने सिग्नल के प्रारंभिक संस्करण की शुरुआत की थी और वॉट्सैप के सह-संस्थापक ब्रायन ऐक्टन इससे बाद में, 2018 में जुड़े। अलग तकनीकी सेवाओं के रूप में कई वर्षों तक विकसित होने के बाद रेडफोन से इनक्रिप्ट वॉइस कॉल और टेक्ससेक्योर से इनक्रिप्ट संदेश भेजने की प्रणाली को मिलाकर सिग्नल को नवंबर 2015 में लॉन्च किया गया।
जल्द ही फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियाँ सिग्नल प्रोटोकॉल का उपयोग करने लगीं यानी अन्य व्यापारों के लिए एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन की सिग्नल तकनीक का उपयोग। वहीं, वॉट्सैप और सिग्नल का विकल्प टेलीग्राम आईओएस और एंड्रॉएड के लिए दो महीनों के अंतराल पर 2013 में लॉन्च किया गया था।
इस मंच को खड़ा करने वाले दुरोव भाई, पावेल और निकोलई क्रमशः उद्यमी और प्रोग्रामर हैं। अपनी निजी बचत से पावेल शुरुआत से कंपनी का खर्चा उठा रहे हैं। लेकिन जैसे-जैसे टेलीग्राम बढ़ा है और अब अधिक तेज़ी से बढ़ने की संभावना है, ऐसे में इस वर्ष से कंपनी राजस्व के साधन खोज रही है। हालाँकि पावेल दुरोव का कहना है कि उपभोक्ताओं के लिए कोई परिवर्तन नहीं होगा।
इनमें से एक विचार यह है कि टेलीग्राम को प्रीमियम उपभोक्ताओं के लिए शुल्क आधारित मंच बना दिया जाए। टेलीग्राम का कहना है कि “तीसरे पक्ष जैसे अधिकारी, कर्मचारियों आदि से लोगों की निजता” और “तीसरे पक्ष जैसे मार्केटर, प्रचारक आदि से लोगों का निजी डाटा सुरक्षित रखना” कंपनी की प्राथमिकता है। वॉट्सैप पर लोगों को दोनों ही बातों का संदेह है।
हालाँकि सिग्नल और टेलीग्राम में अंतर है एवं यह अंतर काफी प्रबावी भी है। सिग्नल की तरह टेलीग्राम की सभी चैट एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड नहीं हैं। सिर्फ गोपनीय चैट में यह विशेषता है, जबकि सामान्य चैट में एंड-टू-एंड सर्वर इनक्रिप्शन है। क्या टेलीग्राम किसी कारणवश, जैसे सरकार के कहने पर, उपभोक्ता डाटा साझा कर सकता है?
इसपर कंपनी का एफएक्यू कहता है, “…टेलीग्राम वितरित इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करता है। क्लाउड चैट डाटा विश्व भर के विभिन्न डाटा केंद्रो पर रखा जाता है जिसपर अलग-अलग क्षेत्रों में अलग वैधानिक इकाइयों का नियंत्रण है। संबंधित डीक्रिप्शन कुंजी को अलग जगह पर रखा जाता है, उसी स्थान पर नहीं क्योंकि वे डाटा की रक्षा करती हैं। ऐसे में किसी डाटा को उपलब्ध कराने के लिए अलग-अलग स्थानों के कई न्यायिक आदेशों की आवश्यकता पड़ेगी।”
इस विशेषता के कारण टेलीग्राम से डाटा निकालना काफी कठिन है। इसके अतिरिक्त एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन वाली चैट तो इस स्थिति में भी उजागर नहीं हो पाएँगी क्योंकि कंपनी के सर्वर में भी वे नहीं होंगी। इसके अलावा टेलीग्राम चुनौती भी देता है कि यदि कोई इसके संदेश खोल सके तो उसे 3 लाख डॉलर का पुरस्कार दिया जाएगा।
वॉट्सैप छोड़ने को इच्छुक लोगों के लिए सिग्नल के साथ-साथ टेलीग्राम भी एक विकल्प है। 12 जनवरी को पावेल दुरोव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर रिपोर्ट किया था कि जनवरी के प्रथम सप्ताह में ऐप पर 50 करोड़ से अधिक सक्रिय मासिक उपभोक्ता हो गए और पिछले 72 घंटों में 2.5 करोड़ लोग टेलीग्राम से जुड़े।
2018 के पोस्ट को दोहराते हुए उन्होंने कहा, “दूसरी लोकप्रिय ऐपों की तरह टेलीग्राम के शेयरधारक या प्रचारक नहीं हैं जिन्हें कंपनी रिपोर्ट करती हो। हम मार्केटर, डाटा माइनर या सरकारी संस्थाओं के साथ सौदा नहीं करते हैं। हमारे लिए टेलीग्राम एक विचार है, विचार यह है कि इस ग्रह पर रहने वाले हर व्यक्ति को स्वतंत्र होने का अधिकार है।”