ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश देने वाले न्यायाधीश को मिला धमकी भरा पत्र

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियो सर्वेक्षण का आदेश देने वाले न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को सूचित किया कि उन्हें हाथ से लिखा हुआ धमकी भरा पत्र मिला है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और वाराणसी पुलिस आयुक्तालय को लिखे पत्र में न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें कथित तौर पर इस्लामिक आगाज आंदोलन की ओर से काशिफ अहमद सिद्दीकी द्वारा लिखा गया पत्र पंजीकृत डाक के माध्यम से प्राप्त हुआ है।
वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने न्यायाधीश द्वारा पत्र प्राप्त होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पुलिस उपायुक्त वरुण मामले की जाँच कर रहे हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि न्यायाधीश की सुरक्षा के लिए कुल 9 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
पत्र की एक कथित प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
न्यायाधीश को संबोधित कथित पत्र के अनुसार, “आपने बयान दिया है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। आप मूर्तिपूजक हैं, आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे। कोई भी मुसलमान ‘काफिर, मूर्तिपूजक’ हिंदू न्यायाधीश से सही निर्णय की अपेक्षा नहीं कर सकता है।”
सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) दिवाकर ने 26 अप्रैल को ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। इसकी रिपोर्ट 19 मई को न्यायालय में प्रस्तुत की गई थी।
हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि गत माह ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान एक शिवलिंग मिला था।