“देवस्थानम बोर्ड के गठन की होगी समीक्षा, मुक्त होंगे 51 मंदिर”- तीरथ सिंह रावत

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार (9 अप्रैल) को कहा कि वह चार धाम देवस्थानम बोर्ड के गठन की समीक्षा करेंगे। इसकी स्थापना गत वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा राज्य में मंदिरों के प्रशासन को संभालने के लिए की गई थी।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दिसंबर 2019 में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पारित चार धाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को अपनी सहमति दे दी थी। इसके बाद बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री सहित 51 तीर्थस्थल राज्य सरकार के सीधे नियंत्रण में आ गए थे।
विधेयक पारित होने के बाद से स्थानीय पुजारी बोर्ड की स्थापना का विरोध कर रहे थे। मंदिर अधिग्रहण मुद्दे को लेकर वे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भी मिले थे।
पिछले माह ही राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार में संतों के साथ एक बैठक में चल रहे महाकुंभ के दौरान आश्वासन दिया था कि चार धाम देवस्थानम बोर्ड के गठन के निर्णय पर समीक्षा की जाएगी।
There will be a review on the decision of formation of Char Dham Devasthanam Board. State government's management over 51 prominent temples to be removed: Uttarakhand CM Tirath Singh Rawat
— ANI (@ANI) April 9, 2021
उन्होंने यह भी कहा था कि 51 प्रमुख मंदिरों पर राज्य सरकार के नियंत्रण को हटा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री रावत ने आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के चार पवित्र हिमालयी तीर्थों के लिए स्थापित प्राचीन परंपराओं को जारी रखने का भी आश्वासन दिया था।