कांग्रेस की दुष्प्रचार वाली कथित टूलकिट का भाजपा ने किया खुलासा, जानिए क्या है इसमें

कांग्रेस ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने के लिए कई गुप्त तकनीकों को अपनाने वाली कथित टूलकिट बनाई थी। इसके स्क्रीनशॉट मंगलवार (18 मई) को भाजपा के कई नेताओं द्वारा साझा किए गए।
पार्टी ने आरोप लगाया गया कि यह टूलकिट दर्शाती है कि आपदा के वक्त कांग्रेस किस तरह अवसर तलाश रही है। टूलकिट के लिए एआईसीसी अनुसंधान विभाग को जिम्मेदार ठहराया गया है। हालाँकि, विभाग के अध्यक्ष राजीव गौड़ ने दावा किया है कि उक्त टूलकिट नकली है।
अब कांग्रेस मई 2021 के टूलकिट को जालसाजी कहते हुए सामने आई है। उसने आरोप लगाया है कि वह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाएगी।
राजीव गौड़ ने ट्वीट किया, “भाजपा कोविड-19 कुप्रबंधन पर एक नकली टूलकिट का प्रचार कर रही है। इसका श्रेय वह एआईसीसी अनुसंधान विभाग को दे रहे हैं। हम जेपी नड्डा और संबित पात्रा के विरुद्ध जालसाजी के लिए प्राथमिकी दर्ज करवा रहे हैं। हमारा देश जब कोविड से तबाह हो रहा है, तब राहत देने की बजाए भाजपा जालसाजी कर रही है।”
संबित पात्रा द्वारा पोस्ट किए गए कथित टूलकिट के स्क्रीनशॉट में कई बातें बताई गई हैं। ये बातें दो भागों में विभाजित हैं।
Disgusting to say the least ..Rahul Gandhi wanting to use this opportunity of Pandemic to destroy the image of PM Modi.
Congress workers instructed to call the mutant strain as “Modi strain”
No stone left unturned to scar the name of India with the help of Foreign Journalists!! pic.twitter.com/i1ykMB00MA— Sambit Patra (@sambitswaraj) May 18, 2021
कांग्रेस की टूलकिट के इस पृष्ठ में सबसे पहले बिंदुवार तरीके से बताया गया है कि कैसे भारतीय युवा कांग्रेस और अन्य अग्रिम संगठन अपने काम को सर्वश्रेष्ठ और भाजपा के कार्यों को निम्नस्तर का दिखा सकते हैं।
- एक सोशल मीडिया टीम बनाएँ, जो मदद के हर अनुरोध का पता लगाए। डीएमएस पर या सीधे मदद मांगने वाले से संपर्क करे।
- एक बार संपर्क करने के बाद उनसे अनुरोध करें कि वे इस बार यूथ कांग्रेस (वाईसी) के सोशल मीडिया हैंडल और उसके प्रमुख पदाधिकारियों को टैग करते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट फिर से भेजें।
- इन संदेशों के तत्काल विस्तार के लिए सोशल मीडिया पर अपने जानने वाले पत्रकारों से पहले से ही सहयोग लेकर रखें।
- जानने वाले अस्पतालों में कुछ बेडों और अन्य सुविधाओं को पहले से सुरक्षित रखें। इसके लिए स्थानीय स्तर के नेताओं से संपर्क साधें। हालाँकि, उन्हें सुविधाएँ हमारे आदेश के बाद ही जारी की जाएँ।
- मदद के लिए जवाब तभी दें, जब कोई व्यक्ति वाईसी को टैग करे।
- पत्रकारों, मीडिया पेशेवरों और अन्य प्रभावशाली लोगों के कॉल या मदद को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- आईवाईसी द्वारा किए गए कार्यों की तुलना भाजपा संगठनों द्वारा किए गए कार्यों की कमी से करें।
पृष्ठ के दूसरे भाग में प्रधानमंत्री की छवि को किस तरह धूमिल करना है यह बताया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री की छवि कोविड के संकट दौर और कुप्रबंधन के बाद भी डूबी नहीं है। यह उनकी छवि को डुबोने और लोकप्रियता को जड़ से मिटाने का एक अवसर है।
- सोशल मीडिया पर उपस्थित संसाधनों का उपयोग करके ऐसा जाल बिछाएँ कि लगे कि नरेंद्र मोदी के लोग, जो भाजपा के समर्थक हैं, वे खुद ही प्रधानमंत्री की अक्षमता पर सवाल खड़े करने लगें।
- अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज करने आए विदेशी पत्रकारों का विशेष रूप से मोदी और उनके कुप्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। विदेशी पत्रकारों और विदेशी प्रकाशन के लिए भारतीय अभियानों पर लिखने वालों से बात करकें उन्हें बिंदुवार जानकारी दें कि भाजपा सरकार कोविड की महामारी के दौरान किस तरह असफल साबित हो रही है।
- विदेशी मीडिया द्वारा अंत्येष्टि और शवों की नाटकीय तस्वीरों का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे पत्रकारों को हमारे स्थानीय कैडरों द्वारा कई जिलों से इस तरह की छवियों को भेजकर उनकी पत्रकारिता को और अधिक विस्तारित किया जा सकता है।
- पार्टी से जुड़े देश के बुद्धजीवियों और राय निर्माताओं की ओर से मोदी के लिए अपमानजक शब्दों का उपयोग करवाएँ और उनसे बार-बार पत्र लिखवाकर भेजें, जिससे देश की एक धारणा बन सके, ताकि राजनीतिक रूप से उसका उपयोग करने पर उसकी स्वीकार्यता अधिक हो जाए।
- जब भी कोरोना के नए प्रकार की बात करें तो ‘इंडियन स्ट्रेन’ (कोरोना के भारतीय प्रकार) शब्द का उपयोग करें। सोशल मीडिया से जुड़े कार्यकर्ता इसे ‘मोदी स्ट्रेन’ भी कह सकते हैं।
कांग्रेस की टूलकिट में बताए गए पत्रकारों के सहयोग के सुझाव के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्यों को कुछ खबरों के रूप में प्रकाशित भी किया गया था। इसमें मदुरई की एसओएसआईवाईसी टीम के श्रीनिवास बीवी को एक ऐसा कार्यकर्ता बताया गया, जो मदद का अनुरोध करने वालों के लिए दिन-रात जुटा रहता है। उसके द्वारा यह भी बताया गया था कि देश की कोविड एसओएस सेवा पूरी तरह बेकार है।
Now this innocent superlative coverage by CNN will be called regime change #toolkit by Sanghis. pic.twitter.com/GHK1cWPNAd
— Eminent Intellectual (@totalwoke) May 18, 2021