अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने भारत के साथ रक्षा संबंधों को बताया बेहद अहम

अमेरिका के रक्षा सचिव मार्क टी एस्पर ने कहा, “चीन की तरफ से विवादित स्थल और उसके आसपास सैन्य अभ्यास उसकी प्रतिबद्धता से स्पष्ट रूप से असंगत है, जो 2002 में दक्षिण चीन सागर में पार्टियों के आचरण पर घोषणा की गई थी। हम उम्मीद करते हैं कि चाइना कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) अपने रास्ते को बदलेगी लेकिन हमें इसके विकल्प पर अवश्य तैयार रहना होगा।”
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, एस्पर ने भारत और अमेरिका के रक्षा संबंधों को बेहद अहम बताया। उन्होंने कहा, “मैं भारत के साथ बढ़े रक्षा सहयोग को रेखाँकित करना चाहता हूँ, जो 21वीं सदी के सभी महत्वपूर्ण रक्षा संबंधों में से एक है। हमने पिछले नवंबर में अपना पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था।”
I want to highlight our increased defence cooperation with India, one the all important defence relationships of 21th century. We conducted our first-ever joint military exercise last November: United States Secretary of Defense Mark T Esper pic.twitter.com/fWvJuEe8z2
— ANI (@ANI) July 21, 2020
उन्होंने आगे कहा, “वर्तमान में यूएसएस निमित्ज हिंद महासागर में भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास कर रहा है। यह अभ्यास एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए नौसेना के सहयोग और समर्थन को मजबूत करने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रदर्शन है।”
भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बारे में अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा, “वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जो हो रहा है और भारत और चीन के बीच स्थिति पर हम नज़र बनाए हुए हैं। हम इस बात से खुश हैं कि दोनों पक्ष स्थितियों को सामान्य करने की दिशा में काम कर रहे हैं।”