कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने की उत्तरी राज्यों के लिए और अधिक लोकसभा सीटों की मांग

उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा, “सीटों के प्रचलित वितरण के कारण लोकसभा को उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारत से अधिक प्रतिनिधित्व मिल रहा था।”
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य जितिन प्रसाद ने सरकार को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा, “उत्तरी राज्यों को अधिक प्रतिनिधित्व देने के लिए लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “उत्तर खासकर की उत्तर प्रदेश में सीटों के वितरण को लेकर अधिक असमानता है। उत्तर भारत में एक सांसद एक निर्वाचन क्षेत्र से चुना जाता है, जिसकी आबादी 25 लाख है, लेकिन कई राज्यों में एक निर्वाचन क्षेत्र की आबादी 10 लाख भी हो सकती है।”
उन्होंने यह भी कहा, “5 करोड़ रुपये के एमपी लोकल एरिया डेवलपमेंट (एमपीएलएएड) फंड को एक लोकसभा सदस्य द्वारा अलग-अलग आबादी वाले क्षेत्रों में खर्च किया जाता है।”
प्रसाद का तर्क है कि प्रत्येक भारतीय जनगणना के बाद, लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की सीटें क्रमशः पूरे देश में वितरित की गईं, ताकि हर सीट से समान जनसंख्या प्रतिनिधित्व हो। तीन बार 1951, 1961 और 1971 में विभाजन किया गया था।
सीट अनुपात केवल 2026 के बाद बदला जा सकता है क्योंकि 2002 में संविधान में फिर से संशोधन (84 वाँ संशोधन) किया गया था। ऐसा इसलिए ताकि 2026 तक प्रत्येक राज्य में सीटों की कुल संख्या को स्थिर रखा जा सके। 2021 में जनगणना होने वाली है और अगला लोकसभा चुनाव 2024 में आयोजित किया जाएगा।