रेलवे ने तिरुपति, ग्वालियर सहित 14 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए निविदाएँ जारी कीं

रेलवे स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम को गति देने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) मोड पर 14 स्टेशनों के लिए 5,000 करोड़ रुपये की निविदाएँ जारी की हैं।
रेलवे ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल को खारिज करते हुए पहले चरण में देश भर में 53 स्टेशनों को ईपीसी मोड में पुनर्विकास के लिए चुना है, ताकि एक निश्चित समय में कार्य में तेज़ी लाई जा सके।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “चूँकि पीपीपी मॉडल में पुनर्विकास कार्य निष्पादित करने में अधिक समय लग रहा था इसलिए ईपीसी मोड की तरफ जाने का निर्णय लिया गया है।
ग्वालियर स्टेशन के लिए 500 करोड़ रुपये, लखनऊ स्टेशन के लिए 475 करोड़ रुपये, तिरुपति स्टेशन के लिए 313 करोड़ रुपये और गया स्टेशन के लिए 300 करोड़ रुपये की निविदाएँ जारी की गई हैं।
गाज़ियाबाद स्टेशन पुनर्विकास की निविदाएँ 375 करोड़ रुपये, गांधीनगर जयपुर 200 करोड़ रुपये और पुरी स्टेशन 175 करोड़ रुपये हैं।
आगामी कुछ वर्षों में यात्रियों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए केरल में कन्याकुमारी, एर्नाकुलम और कोटा में धनकारिया तालाब स्टेशन उन 14 स्टेशनों में से हैं, जिनके लिए विकासकर्ताओं को पुनर्विकास हेतु आमंत्रित करने को निविदाएँ मांगी गई हैं।
इन क्षेत्रों में पर्यटन की विशाल क्षमता को देखते हुए तिरुपति, गया, पुरी, लखनऊ, ग्वालियर और कन्याकुमारी जैसे स्टेशनों को पुनर्विकास के लिए चुना गया है।
पुनर्विकास परियोजना में स्टेशनों पर यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई है। पहले चरण में चुने गए कुल 53 स्टेशनों में लगभग 15,000 करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की गई है।