यूरो 2020 के खिताबी मैच में हार के बाद इंग्लैंड की फुटबॉल टीम पर नस्लवादी टिप्पणियाँ

इंग्लैंड के फुटबॉल संघ (एफए) ने रविवार (12 जुलाई) को एक बयान जारी करके यूरो 2020 के फाइनल में इटली से पेनल्टी शूटआउट में हार के बाद खिलाड़ियों पर ऑनलाइन हुए नस्लवादी दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की।
अतिरिक्त समय के अंत में भी दोनों पक्षों के बराबर गोल रहने पर पेनाल्टी शूटआउट हुआ जिसे इटली ने 3-2 से जीत लिया। इंग्लैंड के मार्कस रैशफोर्ड, जादोन सांचो और बुकायो साकामे ने अपने गोल के मौके गंवा दिए थे।
तीनों खिलाड़ियों को गोल न करने पर सोशल मीडिया पर फुटबॉल प्रेमियों ने निशाने बनाया। यूरोपीय फुटबॉल की शासी निकाय यूईएफए ने इस घृणित नस्लवादी दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए कहा, “हम खिलाड़ियों और एफए के कड़े संभव दंड के आह्वान के साथ खड़े हैं।”
इंग्लैंड की टीम ने भी बयान जारी कर सोशल मीडिया पर अपने खिलाड़ियों के साथ हुए दुर्व्यवहार की निंदा की। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि टीम को नायकों के रूप में सराहा जाना चाहिए न कि सोशल मीडिया पर नस्लीय दुर्व्यवहार होना चाहिए। ब्रिटिश पुलिस ने कहा कि वह सभी आपत्तिनजक पोस्ट की जाँच करेंगे।
This England team deserve to be lauded as heroes, not racially abused on social media.
Those responsible for this appalling abuse should be ashamed of themselves.
— Boris Johnson (@BorisJohnson) July 12, 2021