नाबालिग लड़की उसी दिन मिली जब बाल आयोग ने पुलिस को दी अंतिम चेतावनी- बिहार

कथित रूप से पड़ोसी और उसके साथियों द्वारा 26 जुलाई को अगवा की गई बिहार की नाबालिग लड़की को बचाकर उसके स्थानीय गाँव पहुँचा दिया गया है। संवाददाता के निवेदन के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले में हस्तक्षेप किया था।
हिंदू धर्म की यह कन्या बेगूसराय के भिखमचक गाँव की है जो बछवाड़ा थाना क्षेत्र में पड़ता है। 30 जुलाई को लड़की के पिता की लिखित शिकायत के बाद संवाददाता ने मामला रिपोर्ट किया था। शिकायत में कहा गया था कि सभी अपहरणकर्ता मुस्लिम थे और बंदूक की नोक पर नाबालिग लड़की को उठा ले गए।
एक अपहरणकर्ता ने लड़की के पिता से कहा था- यदि यह पाकिस्तान होता तो वे उसकी पुत्री को घर से ही उठाकर ले जाते। शिकायत के अनुसार घरेलू सामान खरीदकर दिनेश कुमार पंडित अपनी पुत्री के साथ पैदल घर लौट रहे थे, तब ही एक बोलेरो ने उनका रास्ता रोका।
बछवाड़ा पुलिस थाने पर प्राथमिकी (क्रमांक 158/2020) दर्ज करवाई गई थी। शिकायत के आधार पर इज़मुल खान उर्फ नज़मुल उर्फ आर्यन, मोहम्मद मुनफ्फर अंजुम अंसारी उर्फ चांद, मोहम्मद नरूल अंसारी और फरत पर आईपीसी की धारा 366(अ), 323, 341, 379, 383, 504, 5-6 और 34 ते तहत मामला दर्ज किया गया है।
घटनाक्रम कुछ इस प्रकार है-
26 जुलाई- लड़की का अपहरण हुआ
30 जुलाई- पिता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज हुई
31 जुलाई- बाल आयोग ने बेगूसराय पुलिस प्रमुख को पत्र लिखकर तीन दिन में कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने को कहा
11 अगस्त- पुलिस की ओर से कोई रिपोर्ट न मिलने पर बाल आयोग ने बेगूसराय के पुलिस प्रमुख को बुलाया
18 अगस्त- वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से बेगूसराय पुलिस प्रमुख आयोग के समक्ष प्रस्तुत हुए
18 अगस्त- लड़की बचा ली गई, शाम को बछवाड़ा पुलिस थाने लाई गई
19 अगस्त- लड़की के पिता को पुलिस थाने पूछताछ एवं लड़की से मिलने के लिए बुलाया गया
19 अगस्त को लड़की के पिता कुमार ने संवाददाता को बताया कि सुबह 7 बजे उन्हें बछवाड़ा पुलिस थाने से फोन आया था कि लड़की वापस आ गई है और पूछताछ के लिए वह थाने जाए। मामले पर आगे बात करने से कुमार ने मना कर दिया।
एक स्थानीय कार्यकर्ता (एक्टिविस्ट) पवन कुमार मामले में परिवार की सहायता कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब ग्रामीण पुलिस पर दबाव बनाएँगे कि लड़की का बयान मजिस्ट्रेट के सामने ले जाया जाए और मेडिकल जाँच शीघ्र हो। लड़की अभी पुलिस हिरासत में है और संभवतः उसे शेल्टर होम भेजा जाएगा।
बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूंगो ने संवाददाता को 19 अगस्त को बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के समय बेगूसराय पुलिस प्रमुख को समय सीमा दी गई थी कि 22 अगस्त (शनिवार) तक लड़की को वापस लाया जाए अन्यथा आयोग मामले में कड़ी कार्रवाई करेगा।
We are relieved and happy to inform that the minor girl kidnapped from Bihar’s Begusarai on 26 July has been rescued & has returned to her home village
Sewa Nyaya Utthan has been pursuing the case with govt agencies since she went missing. We thank @NCPCR_ for timely intervention pic.twitter.com/exIQar4QUe— Sewa Nyaya Utthan (@sewanyaya) August 19, 2020
और इसी दिन लड़की को बचा लिया गया। हालाँकि पवन कुमार के अनुसार इससे मामला सुलझाने की पुलिस की इच्छाशक्ति पर प्रश्न खड़ा होता है। “आखिर एक ही दिन का काम था ना”, उन्होंने कहा।
इससे पहले संवाददाता ने रिपोर्ट किया था कि बछवाड़ा पुलिस थाने से मामले की जाँच कर रहे अधिकारी यशोदानंद पांडे ने इसे लड़की के “भागने” और “प्रेम-प्रसंग” का मामला बताया था। हालाँकि 18 वर्ष से कम की आयु के यानी नाबालिग व्यक्ति के मामले को कानूनी रूप से अपहरण की दृष्टि से ही देखा जाता है।
कानूंगो ने यह भी बताया कि पुलिस से कहा गया है कि वे अपने निचले स्तर के अधिकारियों और थाना अधिकारियों को बाल अपराधों और कानूनों के विषय में जानकारी दें।
स्वाति गोयल शर्मा स्वराज्य में वरिष्ठ संपादक हैं और वे @swati_gs के माध्यम से ट्वीट करती हैं।