लेनिन का पतन और स्थानीय नायक का उदय- त्रिपुरा में महाराज बीर बिक्रम मनिक्या की मूर्ति का अनावरण

त्रिपुरा के धर्मनगर में मुख्यमंत्री बिपलब देब ने कल (16 अक्टूबर) महाराज बीर बिक्रम किशोर मनिक्या बहादुर की मूर्ति का अनावरण किया। मनिक्या साम्राज्य का काल आठ सौ वर्षों से अधिक था।
संयोगवश, इससे पहले राज्य में वामपंथी सरकार के 25-वर्षीय कार्यकाल के अंत और भाजपा की जीत के निकट ही लेनिन के पुतले को गिराया गया था।
इस वर्ष के मार्च में त्रिपुरा सरकार ने यह घोषणा की थी कि अगरतला के हवाई अड्डे का नाम राज्य के अंतिम राजा महाराज बीर बिक्रम किशोर मनिक्या बहादुर के नाम पर रखा जाएगा। रोचक बात है कि मुख्यमंत्री के इस कदम को राज्य के कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष प्रद्योत किशोर मनिक्या ने भी सराहा है जो महाराज के पोते हैं।
The 37 lakh citizens of our beloved state are forever indebted to Maharaja Bir Bikram Kishore Manikya, the Architect of Modern #Tripura.
Unveiled a statue of Maharaja #BirBikram Kishore Manikya in #Dharmanagar today. #TransformingTripura pic.twitter.com/2abHLX6lWE
— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) October 16, 2018
महाराज बीर बिक्रम किशोर मनिक्या आधुनिक त्रिपुरा के वास्तुकार माने जाते हैं और 1949 में भारतीय संघ में विलय होने से पहले राज्य के पहले हवाई अड्डे के निर्माण का श्रेय उन्हें दिया जाता है, न्यूज़ 18 ने रिपोर्ट किया। वे त्रिपूरा में भूमि सुधारों के अग्रदूत भी माने जाते हैं।
कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, “मेरे दादाजी के नाम पर हवाई अड्डे का नामकरण भाजपा और कांग्रेस दोनों के घोषणापत्र में सम्मिलित था। मुख्यमंत्री बिपलब देव ने मुझे व्यक्तिगत रूप से आश्वासन दिया था और मुझे प्रसन्नता है कि उन्होंने अपना वादा पूरा किया।”