निमृता कुमारी के पोस्टमार्टम में थी दुष्कर्म की पुष्टि, न्यायिक आयोग ने बताई आत्महत्या

पाकिस्तान में हिंदू मेडिकल छात्रा अपने छात्रावास के कमरे में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाई गई थी। इस मामले में न्यायिक आयोग ने शुक्रवार को निर्णय सुनाया कि उसने आत्महत्या की थी, जबकि पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की हत्या की बात कही गई थी।
निमृता कुमारी का शव 16 सितंबर को लरकाना स्थित शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो चिकित्सा विश्वविद्यालय (एसबीबीएमयू) के छात्रावास में उनके कमरे के सीलिंग पंखे से लटकता पाया गया था। वह विश्वविद्यालय के बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) प्रोग्राम की अंतिम वर्ष की छात्रा थीं।
सूत्रों के अनुसार, आयोग ने निष्कर्ष निकाले और अपनी 17 पृष्ठों की रिपोर्ट सिंध गृह विभाग को भेज दी। इसकी अध्यक्षता जिला और सत्र न्यायाधीश लरकाना ने की। उन्होंने आसिफा मेडिकल और डेंटल कॉलेज, लरकाना के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों सहित गवाहों की सुनवाई की।
आयोग ने पुलिस जाँच, पोस्टमार्टम, डीएनए रिपोर्ट, निमृता के सेल फोन, उसके लैपटॉप के फॉरेंसिक डाटा, संदिग्धों और अन्य संबंधित सबूतों की समीक्षा की। जाँच और सबूतों की समीक्षा करते हुए आयोग मामले में हत्या का पता नहीं लगा सका।
हालाँकि, पिछले महीने चंदका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (सीएमसीएच) की महिला मेडिको-लीगल अफसर (डब्ल्यूएमएलओ) डॉ. अमृता द्वारा प्रकाशित निमृता कुमारी की अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला था कि छात्रा की हत्या से पहले उसका यौन शोषण हुआ थाा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि ऐसे संकेत मिले कि छात्रा ने अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष किया था। उसका फोन भी गायब हो गया था, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया। सवाल उठ रहे थे कि रस्सी से लटकने की बजाय उसका शरीर बिस्तर पर क्यों पड़ा था?