“रूस ने तीसरे चरण का परीक्षण किए बगैर वैक्सीन का लाइसेंस जारी किया”- डब्ल्यूएचओ

रूस की कोविड-19 वैक्सीन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने संशय ज़ाहिर किया है। उसका कहना है कि देश ने वैक्सीन बनाने के लिए तय गाइडलाइंस का पालन नहीं किया है। ऐसे में उस पर भरोसा करना मुश्किल है।
न्यूज़-18 की रिपोर्ट के अनुसार, यूएन में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता क्रिस्टियन लिंडमियर ने कहा, “अगर कोई वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण किए बगैर ही उसके उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दे तो इसे खतरनाक माना जाएगा।”
संगठन ने कहा, “इसके उत्पादन के लिए कई गाइडलाइन्स बनाई गई हैं, जो टीमें भी ये काम कर रही हैं, उन्हें इसका पालन करना ही होगा। ऐसी खबरों के तथ्यों की जाँच सतर्कता के साथ की जानी चाहिए।”
Our message to governments and people is clear:
-Test, isolate & treat #COVID19 patients, trace & quarantine their contacts; inform, empower & listen to communities
-Keep physical distance, wear a mask, clean hands regularly & cough safely away from others
Do it all! pic.twitter.com/cbVwuOj7Tf
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) August 3, 2020
क्रिस्टियन ने कहा, “कई बार कुछ शोधकर्ता दावा करते हैं कि उन्होंने खोज कर ली लेकिन उसके असरदार होने के संकेत मिलने और क्लीनिकल ट्रायल के सभी चरणों से गुजरने में बहुत बड़ा फर्क होता है। हमने आधिकारिक तौर पर ऐसा कुछ नहीं देखा है। अगर ऐसा होता तो यूरोप के हमारे कार्यालय के सहयोगी ज़रूर इस पर ध्यान देते। गाइडलाइन्स का पालन करने से हमें ये भी पता चलता है कि क्या किसी इलाज या वैक्सीन के साइड इफेक्ट हैं या फिर कहीं इससे फायदे की बजाय नुकसान तो नहीं हो रहा है।
बता दें कि रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने रविवार को घोषणा की थी कि अक्टूबर से कोविड-19 वैक्सीन वैक्सीनेशन के लिए उपलब्ध होगी। अभी यह पंजीकरण और वितरण की प्रक्रिया में है। सबसे पहले चिकित्सकों और शिक्षकों के लिए इसे उपलब्ध कराया जाएगा। रूस की इस वैक्सीन को अगस्त के अंत तक स्वीकृति मिल जाएगी।