बिहार- 51 वर्ष बाद हुआ विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव, भाजपा के विजय सिन्हा विजयी

बिहार विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव 51 वर्ष बाद बुधवार (25 नवंबर) को हुआ। इसमें भाजपा के विजय सिन्हा महागठबंधन के उम्मीदवार और राजद विधायक अवध बिहारी चौधरी को पराजित करने में कामयाब रहे।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, महागठबंधन ने अवध बिहारी चौधरी को जिताने के लिए सारी रणनीति अपना ली थी। राजद प्रमुख लालू यादव ने जदयू के विधायक ललन पासवान को लालच तक दिया लेकिन सारी रणनीतियाँ बेकार गईं।
राजग प्रत्याशी विजय सिन्हा के पक्ष में 126 विधायकों ने समर्थन दिया, जबकि उनके विरोध में 114 विधायक खड़े हुए। नवनिर्वाचित अध्यक्ष को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ससम्मान आसन ग्रहण करवाया। विजय सिन्हा लखीसराय से भाजपा के विधायक हैं।
Patna: Bharatiya Janata Party MLA Vijay Sinha elected as the Speaker of Bihar Assembly pic.twitter.com/SMbhWaRHeM
— ANI (@ANI) November 25, 2020
राजग के पास लोजपा व निर्दलीय को मिलाकर 127 विधायक हैं, जबकि महागठबंधन के पास मात्र 110 विधायक हैं। ओवैसी की पार्टी ने अपना मत साफ नहीं किया। ऐसे में दोनों गठबंधनों में फासला बड़ा है।
इससे पूर्व, तेजस्वी यादव ने सदन में आरोप लगाते हुए कहा था, “पूरा देश देख रहा है कि खुलेआम चोरी हो रही है। अगर ऐसे सदन चलेगा तो हमें बाहर कर दीजिए।” तेजस्वी की मांग थी कि जो विधानसभा के सदस्य नहीं हैं, उन्हें मतदान के वक्त मौजूद नहीं रहना चाहिए। राजद का कहना था कि नीतीश सदन का हिस्सा नहीं हैं। बता दें कि आखिरी बार 1969 में विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ था क्योंकि सत्ता पक्ष के अलावा विपक्षी दलों ने भी अपना प्रत्याशी उतारा था।