वीडियो से साफ हुआ सीएए विरोधी प्रदर्शन में छात्रों ने एएमयू का गेट तोड़ा, पुलिस ने नहीं

मंगलवार (24 दिसंबर) को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक वीडियो जारी किया और दोहराया कि वे दावे झूठ हैं जो कहते हैं कि 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के गेट को पुलिस ने तोड़ा था।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार (24 दिसंबर) को एक ट्वीट में कहा, “हमारे पहले के वक्तव्य की पुष्टि हुई कि एएमयू का गेट किसी भी सुरक्षा एजेंसी द्वारा नहीं तोड़ा गया था।”
A reaffirmation of our earlier stand that the AMU gate was not broken down by any security agency.@ndtv @ANINewsUP @News18UP @htTweets @ABPNews @ZEEUPUK @aajtak @TOILucknow @bstvlive https://t.co/ZMYqXZqCGO pic.twitter.com/qNv71Few25
— UP POLICE (@Uppolice) December 24, 2019
इससे पहले, मीडिया के एक हिस्से ने कुछ ‘तथ्य-खोजी रिपोर्टों’ के हवाले से दावा किया गया था कि पुलिस ने एएमयू में बाब-ए-सैयद गेट को तोड़ा था।
विश्वविद्यालय के गेट पर लगे सीसीटीवी पर रिकॉर्ड की गई फुटेज में 15 दिसंबर की शाम को हुई हिंसक झड़प के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों को दरवाजों के साथ-साथ पुलिस की बैरिकेडिंग को बहुत तेज़ी के साथ धक्का देते हुए दिखाया गया है। कैंपस के अंदर आंदोलनकारी छात्रों को शांत करने के लिए पुलिस द्वारा किए गए सभी प्रयासों के बावजूद, समूह वीडियो के अंत में गेट तोड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा कि उन्होंने अत्यंत संयम बरता और एएमयू परिसर में तभी प्रवेश किया जब प्रशासन ने उनसे स्थिति का प्रभार लेने का अनुरोध किया।
“सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है कि छात्र हंगामा करने पर आमादा थे, जबकि वो पुलिस ही थी जिसने बाब-ए-सैयद गेट को तोड़ने से रोकने के लिए अधिकतम प्रयास किए थे।”, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से अपने साक्षात्कार में कहा।