नेपाल से छोड़े गए पीड़ित ने बताया, “बॉर्डर से उठा ले गए और राइफल की बट से पीटा”

बिहार में सीतामढ़ी जिले के जानकी नगर स्थित लालबंदी बॉर्डर के पास शुक्रवार (12 जून) सुबह नेपाल सशस्त्र बल के जवानों और गाँववालों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। नेपाल पुलिस की फायरिंग में एक ग्रामीण की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए थे। वे एक ग्रामीण लगन किशोर को उठाकर ले गए थे। भारत और नेपाल के अधिकारियों की बातचीत के बाद शनिवार को उसे छोड़ा गया।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, लगन ने बताया, “नेपाल पुलिस मुझे उठाकर संग्रामपुर ले गई। मुझे राइफल की बट से बुरी तरह मारा। मार-पीटकर यह दबाव बनाया कि मैं यह कुबूल करूं कि मुझे नेपाल से पकड़ा गया है, जबकि वे मुझे भारत से उठाकर लाए थे।”
पीड़ित ने बताया, “मेरी बेटे की शादी नेपाली लड़की से हुई है। बॉर्डर पर उसकी पत्नी अपनी माँ से मिलने गई थी। बेटा भी उसके साथ गया था। बॉर्डर पर नेपाल पुलिस ने उन्हें रोका और बेटे को डंडों से पीटा। जानकारी पर मैं भी वहाँ पहुँचा। मैंने पिटाई की वजह पूछी तो मेरे साथ बदसलूकी की गई। बॉर्डर पर 10 जवानों को बुलाया गया। उन्होंने बॉर्डर पार से फायरिंग की, जिसमें एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई।
Bihar: One person Lagan Kishore, who was detained by Nepal's security personnel yesterday after firing near India-Nepal border, returned to Sitamarhi today after being released by them. pic.twitter.com/wbwXj1ffDa
— ANI (@ANI) June 13, 2020
बता दें कि शुक्रवार को सोनबरसा के जानकी नगर स्थित बॉर्डर पर फायरिंग हुई थी। इसमें एक युवक की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए थे। दो लोगों की हालत गंभीर बताई गई है। एसएसबी के डीजी कुमार राजेश चंद्रा ने कहा था, “यह आपसी विवाद का मामला है। रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी गई है।”