संयुक्त राष्ट्र ने पुलवामा के लिए की जैश-ए-मोहम्मद की निंदा, चीन भी आया साथ

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गुरुवार (21 फरवरी) को चीन सहित 15 सदस्यों की बैठक बुलाई जिसमें जम्मू–कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर “सबसे भीषण और कायरतापूर्ण” आतंकी हमले की निंदा की गई जो आतंकवादी संगठन जैश–ए–मोहम्मद ने करवाया था, न्यूज़ 18 की रिपोर्ट ने बताया।
परिषद ने एक बयान में इस तरह के “निंदनीय कृत्यों” के आयोजकों, वित्तदाताओं और अपराधियों को पकड़ने और उन्हें सज़ा दिलाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। इस संबंध में इसने वैश्विक समुदाय से भारत सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों का सहयोग करने का भी आह्वान किया।
यह भी इंगित किया गया था, जिसे एक बड़े कूटनीतिक करतब के रूप में देखा जा रहा है कि यूएनएससी के बयान ने चीन की मांग को दरकिनार करते हुए ‘जम्मू–कश्मीर‘ का इस्तेमाल किया जबकि चीन चाहता था की जम्मू–कश्मीर की जगह ‘भारतीय प्रशासित कश्मीर” का उपयोग किया जाए।
पुलवामा हमले पर यूएनएससी ने प्रेस बयान में कहा, “सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने जम्मू–कश्मीर में जघन्य और कायरतापूर्ण आत्मघाती बम विस्फोटों की कड़ी शब्दों में निंदा की जिसके परिणामस्वरूप 14 फरवरी 2019 को 40 से अधिक भारतीय अर्धसैनिक बल मारे गए और दर्जनों घायल हो गए और इसके लिए जैश–ए–मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली है।“
सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने आतंकवादियों के प्रतिशोधी कृत्यों के अपराधियों, आयोजकों, फाइनेंसरों और प्रायोजकों को पकड़ने और उन्हें सज़ा देने की आवश्यकता को रेखांकित किया और सभी राष्ट्रों से अपने अंतर्राष्ट्रीय कानून और प्रासंगिक सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार उनसे आग्रह किया कि इस संबंध में वे भारत सरकार और अन्य सभी संबंधित प्राधिकरणों का सक्रिय रूप से सहयोग करें।
The UNSC underlined the need to hold perpetrators, organizers, financiers and sponsors of these reprehensible acts of terrorism accountable and bring them to justice.
Other key highlights of UNSC statement on #Pulwama. #TimetoAct pic.twitter.com/4auIIfp6N6
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) February 22, 2019
यह कथन महत्त्व रखता है क्योंकि परिषद के एक स्थायी सदस्य चीन ने पिछले दिनों प्रतिबंध समिति में भारत की जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने की मांग को अवरुद्ध कर दिया था लेकिन चीन ने इस बार सभी देशों से भारत सरकार को सहयोग करने का आग्रह किया है ताकि आतंकवाद आयोजकों और प्रायोजकों को मुँहतोड़ जवाब देने में आसानी हो।
मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में शामिल करने के भारत के प्रयासों को खदेड़ दिया गया जिसके परिणामस्वरूप संयुक्त राष्ट्र के अधिकार प्राप्त संगठन के प्रमुख को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव फ्रांस द्वारा लाने की उम्मीद है। यह पिछले दस वर्षों में इस तरह का चौथा प्रयास होगा।
उपमहाद्वीप में सुरक्षा स्थिति पर ध्यान देते हुए महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने “तत्काल” भारत और पाकिस्तान दोनों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संयम बरतें ताकि स्थिति और न बिगड़े।