खालिस्तान समर्थक समूह एसएफजे पर यूएपीए न्यायाधिकरण ने लगाया प्रतिबंध

गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) न्यायाधिकरण ने खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को गुरुवार (9 जनवरी) को जारी रखा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने कहा, “एसएफजे पंजाब और अन्य जगहों पर राष्ट्र विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहा, जिसका उद्देश्य भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करना है।”
उन्होंने आगे कहा, “साक्ष्यों से साबित होता है कि एसएफजे भारत विरोधी समूहों और बलों के साथ काम कर रहा था। ऐसे में केंद्र सरकार के पास यूएपीए के तहत एसएफजे को गैरकानूनी घोषित करने का पर्याप्त कारण है।”
10 जुलाई 2019 को केंद्र ने एसएफजे को गैरकानूनी करार दिया था और इस पर पाँच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
एसएफजे एक अमेरिका-आधारित अलगाववादी समूह है, जो खालिस्तान के रूप में भारत से पंजाब के अलगाव का समर्थन करता है। यह अमेरिका, कनाडा और यूके में विदेशी राष्ट्रीयता के कुछ सिखों द्वारा चलाया जाता है।