स्वदेशी तेजस विमानों का दूसरा स्क्वाड्रन वायुसेना में शामिल, देखें चीफ मार्शल की उड़ान

स्वदेशी तेजस के लड़ाकू विमानों का दूसरा स्क्वाड्रन बुधवार (27 मई) को भारतीय वायुसेना में शामिल हो गया। इसे फ्लाइंग बुलेट्स नाम दिया गया है। इसकी शुरुआत वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने विमान उड़ाकर की।
वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने आज सुबह #LCA तेजस लड़ाकू विमान में वायुसेना स्टेशन सुलूर में उड़ान भरी। वायु सेना प्रमुख आज #मेक_इन_इंडिया तेजस के वायु सेना में दूसरे स्क्वाड्रन #18स्क्वाड्रन के पूर्ण संचालन हेतु वायु सेना स्टेशन, सुलुर की यात्रा पर है। pic.twitter.com/3raab6v8VH
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 27, 2020
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम का आयोजन तमिलनाडु के कोयंबतूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर किया गया। वायुसेना प्रमुख ने इसे वायुसेना की 18वीं स्क्वॉड्रन को सौंपा। उन्होंने खुद 45वीं स्क्वाड्रन के साथ लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस उड़ाया। उन्होंने एकल सीट वाले लड़ाकू विमान में उड़ान भरी।
#WATCH Air Force Chief RKS Bhadauria landing the LCA Tejas Aircraft after a sortie at the induction ceremony of the second squadron of the LCA Tejas fighters in Sulur, Tamil Nadu today. pic.twitter.com/WvFvhMstiw
— ANI (@ANI) May 27, 2020
एयरफोर्स की 18वीं स्क्वाड्रन अब हल्के लड़ाकू विमान तेजस से लैस होगी। यह विमान उड़ाने वाली एयरफोर्स की यह दूसरी स्क्वाड्रन होगी। इससे पूर्व 45वीं स्क्वाड्रन ऐसा कर चुकी है। वायुसेना ने इस हल्के लड़ाकू विमान को एचएएल से खरीदा है। नवंबर 2016 में वायुसेना ने 50,025 करोड़ रुपये में 83 तेजस मार्क-1ए की खरीदी को स्वीकृति दी थी।
यह हवा से हवा में और हवा से भूमि पर मिसाइल दाग सकता है। इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं। इसे 42 प्रतिशत कार्बन फाइबर, 43 प्रतिशत एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है। तेजस एक बार में 54 हजार फीट की ऊँचाई तक उड़ सकता है।