राजीव गांधी फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपये आवंटित करना चाहते थे मनमोहन सिंह

राजीव गांधी फाउंडेशन की दान सूची पर उठे विवाद के मध्य पाया गया कि 1991 में जब मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे तब पाँच वर्षों की अवधि में इस फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रयास किया गया था। चीनी दूतावास से इस फाउंडेशन को दान मिलने की सूचना के बाद यह नया खुलासा है।
Big big breaking
PMNRF under Dr MMS not only gave money to Sonia run RGF but in 1991-92 Budget when Dr MMS was FM he sough to give a huge sum to RGF from he Union Budget -it was stalled when there was uproar
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— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) June 26, 2020
वित्त मंत्री रहते हुए 24 जुलाई 1991 को मनमोहन सिंह के 1991-92 के बजट वक्तव्य में भी इसका उल्लेख है। “राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना महान नेता की याद में की गई है जो उनके आदर्शों व उद्देश्यों को आगे बढ़ाएगा।”, सिंह ने कहा।
उन्होंने आगे कहा, “यह फाउंडेशन विकास के लिए विज्ञान व तकनीक को शोध को बल, साक्षरता का प्रसार, पर्यावरण की रक्षा, सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा, वंचित, महिलाओं एवं दिव्यांगों के उत्थान जैसे कार्यों के लिए कार्य करेगी।”
“स्वर्गवासी श्री राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए, इस संस्था के सराहनीय उद्देश्यों को देखते हुए सरकार ने इसमें 100 करोड़ रुपये का योगदान करने का निर्णय लिया है, पाँच वर्षों तक हर वर्ष 20-20 करोड़ रुपये के दान के द्वारा।, तत्कालीन वित्त मंत्री के बजट वक्तव्य में कहा गया।
हालाँकि बाद की चर्चाओं में मनमोहन सिंह ने राजीव गांधी फाउंडेशन से मिले एक पत्र को पढ़कर सुनाया था जिसमें कहा गया था कि संस्था सरकार की उदारता की सराहना करती है लेकिन मानती है कि सरकार को स्वयं उपयोगी परियोजनाओं में यह राशि खर्च करनी चाहिए।
आईएनएनस से प्राप्त जानकारी सहित