भाजपा ने खोला राहुल गांधी की पढ़ाई का कच्चा-चिट्ठा, एक विषय में हो गए थे फेल

राहुल गांधी ने 2009 के चुनाव में अमेठी में नामांकन के दौरान जो हलफनामा दायर किया था, उसमें एफमिल पाठ्यक्रम का नाम और तारीख गलत मिले। इसके बाद से उनकी डिग्री का मामला चर्चा का विषय बन गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष के तत्कालीन चुनावी हलफनामे के अनुसार, उन्होंने 1995 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज में विकासात्मक अर्थशास्त्र का अध्ययन किया। वहीं, विकास अध्ययन विभाग द्वारा जारी प्रमाण-पत्र एक अलग तस्वीर पेश कर रहा है।
प्रमाण-पत्र के अनुसार, राहुल गांधी ने विकासात्मक अध्ययन के पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था न कि विकासात्मक अर्थशास्त्र में। विकासात्मक अर्थशास्त्र वास्तव में पाठ्यक्रम में से एक विषय था।
राहुल गांधी के दावे के विपरीत वे 2004-05 में यह पढ़ाई कर रहे थे, जबकि दावा 1994-95 का किया गया था। उनका विश्वविद्यालय में दाखिला भी राउल विंसी के नाम से हुआ था, जो कि कथित रूप से लंदन में वीवीआईपी छात्रों के लिए एक आम बात है।
प्रमाणपत्र में साफ है कि राहुल की पढ़ाई अच्छी नहीं रही। 60 प्रतिशत अंकों के साथ पास होने वाली ग्रेड में वह राष्ट्रीय आर्थिक योजना और नीति में 58 प्रतिशत अंक पाकर असफल रहे। वह कुल 62.8 प्रतिशत अंक के साथ मुश्किल से पास हुए।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी कथित रूप से अपनी डिग्री के दावों को बदलने को लेकर सोशल मीडिया पर कांग्रेसी नेताओं के निशाने पर थीं। अब राहुल की डिग्री पर सवाल उठने के बाद सोशल मीडिया के उपयोगकर्ता और भाजपा नेता कांग्रेस अध्यक्ष को आइना दिखा रहे हैं।
Buddhu’s Cambridge Certificate says his name is Raul Vinci and he read MPhil and failed in National Economic Planning & Policy pic.twitter.com/22kBHSRbcR
— Subramanian Swamy (@Swamy39) April 12, 2019
सुब्रमणियम स्वामी का दावा है कि राहुल गांधी ने अपनी एमफिल थीसिस को प्रकाशित नहीं किया। वहीं, अरुण जेटली आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष को बिना स्नातकोत्तर डिग्री के ही एमफिल मिल गई है।
One day the focus would be on the BJP candidate’s educational qualification, fully forgetting that a public audit of Rahul Gandhi’s academic credentials may leave a lot to be answered. Afterall, he got an M.Phil without a Masters degree.
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) April 13, 2019