सीएए- प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू किया ट्विटर पर अभियान, मांगा देश से समर्थन

नागरिकता संसोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हो रहे विवाद और हिंसक प्रदर्शनों के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर हैशटैक इंडियासपोर्ट्ससीएए अभियान शुरू किया। उन्होंने देशवासियों से अभियान का समर्थन करने की गुज़ारिश की है।
#IndiaSupportsCAA because CAA is about giving citizenship to persecuted refugees & not about taking anyone’s citizenship away.
Check out this hashtag in Your Voice section of Volunteer module on NaMo App for content, graphics, videos & more. Share & show your support for CAA..
— narendramodi_in (@narendramodi_in) December 30, 2019
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने हैशटैक इंडियासपोर्ट्ससीएए ट्वीट करते हुए लिखा, “यह प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देता है। यह किसी की नागरिकता छीनता नहीं है। नमो ऐप के वॉलेंटियर मॉड्यूल के वाइस सेक्शन में मजेदार कंटेंट, ग्रॉफिक्स और अन्य को देखने के लिए इस हैशटैग को देखें। इसके जरिए सीएए को समर्थन दें।”
नागरिकता संशोधन कानून न किसी भारतीय का अधिकार छीनता है, न ही किसी तरह का नुकसान पहुंचाता है। मैं अनुरोध करता हूं कांग्रेस और उसके साथी दलों से कि इस मुद्दे पर मुसलमानों को डराने या भड़काने का प्रयास न करें। #IndiaSupportsCAA
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) December 30, 2019
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के ट्वीट के बाद सत्तारूढ़ पार्टी इस अधिनियम को लेकर बड़ा अभियान शुरू करने वाली है। नरेंद्र मोदी ने अभियान की शुरुआत करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट से सद्गुरु का एक वीडियो भी साझा किया। इसके बाद सड़क मंत्री परिवहन और राजमार्ग नितिन गडकरी ने ट्वीट कर अभियान का समर्थन किया।
Do hear this lucid explanation of aspects relating to CAA and more by @SadhguruJV.
He provides historical context, brilliantly highlights our culture of brotherhood. He also calls out the misinformation by vested interest groups. #IndiaSupportsCAA https://t.co/97CW4EQZ7Z
— Narendra Modi (@narendramodi) December 30, 2019
भाजपा नेता अमित मालवीय ने मोदी के अभियान का समर्थन करते हुए कहा, “सीएए और एनआरसी कांग्रेस की देन हैं। एनडीए केवल उन्हें उनका हक दे रही है, जिसे कांग्रेस वर्षों के शासन के बाद देने में असफल रही थी।”
बता दें कि सीएए का कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। केवल उत्तर प्रदेश में हिंसा में कुल 19 लोग मारे गए थे।