असम- बोडो समझौते के कार्यक्रम में शामिल होने गुवाहाटी पहुँचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (7 फरवरी) को असम के कोकराझार का दौर कर बोडो समझौते पर हस्ताक्षर होने का जश्न मनाने वाले एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गुवाहाटी पहुँच गए हैं। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के बाद यह उनका पहला पूर्वोत्तर दौरा होगा।
On my way to Kokrajhar!
Looking forward to being among people there. pic.twitter.com/OYMYIUngE2
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2020
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “मैं असम दौरे को लेकर उत्सुक हूँ। मैं जनसभा को संबोधित करने के लिए कोकराझार में रहूँगा। हम बोडो समझौते पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए जाने का जश्न मनाएँगे। इससे दशकों पुरानी समस्या का अंत होगा। यह शांति और प्रगति के नए युग की शुरुआत का प्रतीक होगा।”
बोडो शांति समझौते और नरेंद्र मोदी के स्वागत में असम के कोकराझार जिले में लोगों ने करीब 70,000 दीयों को जलाकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसकी कुछ तस्वीरें अपने ट्विटर पर शेयर की हैं, जिसमें कोकराझार दीयों की जगमगाहट से रोशन होता नज़र आ रहा है।
Thank you Kokrajhar! I am eagerly awaiting tomorrow’s programme. https://t.co/8oxrP0v969
— Narendra Modi (@narendramodi) February 6, 2020
नरेंद्र मोदी ने हाल ही के ट्वीट में हस्ताक्षर वाले दिन को बहुत खास बताया गया था। उन्होंने कहा था कि यह बोडो लोगों के लिए परिवर्तनकारी परिणाम लाएगा। समझौते पर हस्ताक्षर के दो दिनों में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के विभिन्न धड़ों के 1615 से अधिक सदस्यों ने अपने हथियार सौंप दिए थे।
Assam: Prime Minister Narendra Modi arrives in Guwahati. PM will address a public meeting at an event in Kokrajhar shortly, to celebrate the signing of the Bodo Agreement. #BodoPeaceAccord pic.twitter.com/VsWEadT6Zu
— ANI (@ANI) February 7, 2020
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह समझौता असम के बोडो आदिवासियों को राजनीतिक अधिकार के साथ आर्थिक पैकेज मुहैया कराएगा। असम की क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रखी जाएगी। समझौता राज्य के विभाजन के बिना संविधान की रूपरेखा के अंदर किया गया है।