पालघर में साधुओं की हत्या मामले में तीन पुलिसकर्मी सेवा से बर्खास्त किए गए

पालघर में भीड़ द्वारा दो साधुओं और उनके एक चालक की बेहरमी से पीटकर हत्या करने के मामले में महाराष्ट्र सरकार ने एक निलंबित पुलिसकर्मी को बर्खास्त कर दिया। साथ ही दो अन्य लोगों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है।
पालघर के पुलिस प्रवक्ता सचिन नवादकर ने आईएएनएस को बताया, “विभागीय जाँच के बाद सहायक पुलिस निरीक्षक आनंदराव काले को बर्खास्तगी के आदेश दिए गए हैं, जबकि उनके सहयोगियों सहायक उप-निरीक्षक रवि सालुंखे और कांस्टेबल नरेश ढोंडी को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया गया है।”
कोंकण रेंज के पुलिस महानिरीक्षक निकेत कौशिक ने शनिवार देर रात सभी के तत्काल प्रभाव से बर्खास्तगी और सेवानिवृत्ति के आदेश जारी किए थे।
घटना के बाद एक बड़े फेरबदल में अप्रैल-मई में दो पुलिसकर्मियों सुधीर कटारे और संतोष मुक्ने को तत्कालीन पालघर पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने निलंबित कर दिया था। वहीं, कासा पुलिस स्टेशन के 35 अन्य पुलिसकर्मियों को जिले की अन्य जगहों पर स्थानांतरित कर दिया गया था।
राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख 7 मई को कासा के गडचिंचल गाँव गए थे, जहाँ भीड़ ने हमला किया था। इसके बाद उन्होंने एसपी सिंह को अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया था। उन्हें अब तक अपनी पोस्टिंग का इंतजार है।
यह मामला बाद में राज्य सीआईडी को सौंप दिया गया था। इसके बाद तीन आरोप पत्र दहानू मजिस्ट्रेट अदालत के सामने कुल 126 अभियुक्तों के खिलाफ दायर किए गए थे। इसके अलावा, 11 किशोर और 28 अन्य जिनके खिलाफ जाँच अब भी जारी है।
11 किशोर आरोपियों को किशोर न्याय बोर्ड द्वारा जमानत दी गई थी, जबकि 10 अन्य अभियुक्तों (वयस्कों) को डिफॉल्ट जमानत दी गई थी क्योंकि उनके खिलाफ अनिवार्य 90 दिनों में आरोप पत्र दायर नहीं किया गया था।