श्रीलंकाई खिलाड़ियों के पाकिस्तान न आने पर फवाद चौधरी ने भारत को ही दोषी ठहराया

श्रीलंका क्रिकेट टीम के 10 खिलाड़ियों ने सुरक्षा चिंताओं की वजह से पाकिस्तान के आगामी दौरे से बाहर होने का फैसला किया है। पाकिस्तान ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों के इस निर्णय के लिए भी भारत को ही दोषी ठहराया है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद हुसैन चौधरी ने कहा, “भारत ने 27 सितंबर से पाकिस्तान के खिलाफ शुरू होने वाली शृंखला में श्रीलंका के खिलाड़ियों को भाग नहीं लेने की धमकी दी है।”
उन्होंने दावा किया, “खेल कमेंटेटर ने मुझे जानकारी दी कि भारत ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों को पाकिस्तान दौरे पर जाने पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से बाहर करने की धमकी दी है। यह वास्तव में ओछी राजनीति है। खेल से लेकर अंतरिक्ष तक में भारत के क्रियाकलाप ऐसे हैं कि हमें उनकी निंदा करनी चाहिए। भारतीय खेल प्राधिकरणों ने वास्तव में बहुत सस्ती हरकत की है।”
Informed sports commentators told me that India threatened SL players that they ll be ousted from IPL if they don’t refuse Pak visit, this is really cheap tactic, jingoism from sports to space is something we must condemn, really cheap on the part of Indian sports authorities
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) September 10, 2019
सोमवार को श्रीलंका (एसएलसी) बोर्ड के साथ सुरक्षा व्यवस्था के जायज़े के बाद देश के उच्चस्तरीय खिलाड़ियों, जिसमें टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के कप्तान लसिथ मलिंगा, पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज सहित दिनेश चंडीमल, सुरंगा लकमल, दिमुथ करुणारत्ने, थिसारा परेरा, अकिला धनंजया, धनंजया डी सिल्वा, कुसल परेरा और निरोशन डिकवेला शामिल हैं, ने 27 सितंबर से शुरू होने वाले पाकिस्तान दौरे से बाहर होने का निर्णय लिया।
पाकिस्तान दौरे में श्रीलंकाई टीम 27, 29 सितंबर और 3 अक्टूबर को कराची में तीन वनडे मैच खेलने वाली है। इसके अलावा, टीम को 5, 7 और 9 अक्टूबर को लाहौर में तीन टी-20 अंतर-राष्ट्रीय मैच खेलने को भी कहा गया है।
मालूम हो कि पाकिस्तान दौरे पर 2009 में आई श्रीलंका टीम पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। श्रीलंका के खिलाड़ी लाहौर में बस में सवार थे, जब आतंकियों ने उन्हें निशाना बनाया। इस घटना में कई खिलाड़ी घायल हो गए थे।