चीन के नेपाल के गाँव पर अतिक्रमण की खबर बताने वाले पत्रकार बलराम बनिया मृत मिले

नेपाल के रुई गाँव पर चीन के कब्ज़े की खबर बताने वाले 50 वर्षीय पत्रकार बलराम बनिया मंगलवार (11 अगस्त) को मृत पाए गए। उनका शव मकवानापुर में सिसनेरी के मंडो हाइड्रो पावर परियोजना के पास बरामद किया गया। कहा जा रहा है कि वह अपने परिवार के संपर्क में थे।
द काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, बलराम बनिया ने आखिरी बार अपने कार्यालय में कांग्रेस नेता राम चंद्र पौडेल के संबंध में बात की थी। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटा व बेटी हैं। वह कान्तिपुर डेली नाम के अखबार में काम करते थे। उन्होंने राजनीति, संसद, नौकरशाही, गवर्नेंस, ऊर्जा, हाइड्रो पावर जैसे अहम मुद्दों पर पत्रकारिता की थी।
खबरों की मानें तो चीन ने रुई नामक गाँव पर कब्ज़ा किया है। यह नेपाल के गोरखा जिले में है। इस ख़बर को सबसे पहले बलराम ही लाए थे। इस गाँव को लेकर तिब्बत और चीन दोनों दावे करते हैं। चुम्बुल नगरपालिका के वार्ड संख्या-1 के अध्यक्ष बीर बहादुर लामा ने इसकी पुष्टि की थी।
तिब्बत और चीन की तरफ से गाँव में अतिक्रमण हुआ था। खबरहब ने इस संबंध में रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी। रिपोर्ट में बताया था कि समदो और रुई गाँव के बीच पिलर नंबर 35 बनाया गया था। इसके पुनर्निर्माण का काम शुरू हुआ। तमाम विरोधों के बावजूद चीन ने इस पर कब्ज़ा कर लिया।
फेडरेशन ऑफ नेपाली जर्नलिस्ट, फ्रीडम फोरम और नेपाल प्रेस यूनियन ने पत्रकार की हत्या पर जाँच की माँग उठाई है। प्रतिनिधियों का कहना है कि पत्रकार की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत की जाँच हो। नेपाल प्रेस यूनियन का कहना था, “बलराम के शरीर पर कई घाव के निशान थे।” बलराम बनिया के साथियों का कहना है, “वह बेहद ईमानदार थे।”