डीआरडीओ ने किया हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी का सफल परीक्षण, भारत बना चौथा देश

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सोमवार (7 सितंबर) को स्वदेश में विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्सन सिस्टम का उपयोग करते हुए हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंट्रेटर व्हीकल (एचटीडीवी) की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की। अब ये अगले चरण की प्रक्रिया के लिए स्थापित हो गई है।
न्यूज़-18 की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “इसमें देश में विकसित सक्रेमजेट प्रपल्शन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। इससे पूर्व, जून 2019 में इसका पहला परीक्षण किया गया था।”
The @DRDO_India has today successfully flight tested the Hypersonic Technology Demontrator Vehicle using the indigenously developed scramjet propulsion system. With this success, all critical technologies are now established to progress to the next phase.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 7, 2020
एचटीडीवी का भविष्य में उपयोग सिर्फ हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने में नहीं बल्कि कम खर्च में सैटेलाइट लॉन्चिंग में भी किया जा सकेगा। यह लंबी दूरी की क्रूज़ मिसाइलों के लिए यान के तौर पर उपयोग होगा।
अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा देश बन गया, जिसके पास हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी है। ओडिशा के बालासोर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम परीक्षण रेंज में इसका सफल परीक्षण किया गया। इससे मिसाइलों की गति ध्वनि से छह गुना अधिक हो जाएगी।
#WATCH DRDO‘s successful demonstration of the Hypersonic air-breathing scramjet technology with the flight test of Hypersonic Technology Demonstration Vehicle, at 1103 hours today from Dr. APJ Abdul Kalam Launch Complex at Wheeler Island, off the coast of Odisha pic.twitter.com/aC1phjusDH
— ANI (@ANI) September 7, 2020
परीक्षण सुबह 11.03 बजे अग्नि मिसाइल के माध्यम से किया गया था। डीआरडीओ प्रमुख सतीश रेड्डी और उनकी हाइपरसोनिक मिसाइल टीम की अगुआई में परीक्षण हुआ। एचटीडीवी ने सभी स्तरों पर सफलता हासिल की, जिनमें दहन कक्ष दबाव, हवा का सेवन और नियंत्रण शामिल है।