असम को देश से अलग करने वाले बयान पर शर्जील इमाम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को उकसाने और देश विरोधी बयान को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शर्जील इमाम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने शेष भारत से असम राज्य को काटकर हटाने का बयान दिया था। सॉफ्टवेयर इंजीनियर इमाम दिल्ली के शाहीन बाग में भी लंबे समय से चल रहे सीएए विरोध में शामिल हैं।
शर्जील इमाम पर यह कार्रवाई उनके एक भाषण का शनिवार (25 जनवरी) को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद हुई है। दंगा भड़काने के इरादे से भड़काऊ बयान देने को लेकर उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
वीडियो में इमाम को यह कहते हुए सुना गया था, “अगर हमारे पास 5 लाख संगठित लोग हों तो हम शेष भारत से असम को हमेशा के लिए अलग कर सकते हैं। स्थायी तौर पर नहीं तो एक-दो महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से अलग कर ही सकते हैं। जब ऐसा होगा, उसके बाद ही सरकार हमारी बात सुनेगी।”
दोस्तों शाहीन बाग़ की असलियत देखें:
१)असम को इंडिया से काट कर अलग करना हमारी ज़िम्मेदारी
२)”Chicken Neck” मुसलमानो का है
३)इतना मवाद डालो पटरी पे की इंडिया की फ़ौज Assam जा ना सके
४)सारे ग़ैर मुसलमानो को मुसलमानों के शर्त पर ही आना होगा
If this is not ANTI NATIONAL then what is? pic.twitter.com/kgxl3GLwx1— Sambit Patra (@sambitswaraj) January 25, 2020
इस बीच असम पुलिस ने भी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत उन के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है।
फिर भी ध्यान देने वाली यह बात है कि शर्जील इमाम के भाषण के वायरल होने के बाद शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने उनके विचारों से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा है, “इस तरह के किसी भी बयान से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। हम फिर से इस बात का दावा करते हैं कि शाहीन बाग में कोई आयोजन समिति नहीं है, न ही कोई नेता और न ही कोई विशेष आयोजक।”