उत्तर प्रदेश- जिस मंदिर में प्रवेश से वाल्मिकियों को रोका था, वहीं दलित दूल्हे ने की पूजा

पिछले हफ्ते इस संवाददाता ने बताया था कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रखेड़ा गाँव में वाल्मीकि समाज के दलित 19 नवंबर को होने वाली शादी को लेकर काफी चिंतित थे। उनके दिमाग में एक ही सवाल चल रहा था कि क्या ठाकुर वाल्मीकि समाज के दूल्हे की बारात को चामुंडा माँ के मंदिर में जाने की अनुमति देंगे?
यह वही मंदिर है जिसके बारे में एक वायरल हुए वीडियो में देखा गया था। वीडियो में दिखाया गया था कि 25 अक्टूबर को ठाकुर समाज के पुरुषोंं ने कुछ वाल्मीकि समाज की औरतों को मंदिर में पूजा करने से रोक दिया था और उन्हें मंदिर के द्वार से ही वापस लौटना पड़ा था।
वाल्मीकियों के अनुसार ठाकुरों द्वारा लगाया गया प्रतिबंध उनके “सामाजिक बहिष्कार” का हिस्सा था। कथित तौर पर कुछ दिन पहले एक भंडारे के दौरान वाल्मीकि लोगों को अलग जगह पर गंदगी के बीच बैठाया गया जिससे दुखी होकर कुछ वाल्मीकि लोग भंडारा छोड़कर चले गए थे।
हालाँकि वाल्मीकि लोगों की आशंकाओं के विपरीत 19 नवंबर की शादी दोनों समुदायों के बीच मतभेदों को मिटाने का ज़रिया बनी।
एक कार्यकर्ता ने घुड़चढ़ी समारोह का वीडियो जारी करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “कई लोगों ने वीडियो जारी कर दिखाया कि उत्तर प्रदेश में दलितों को मंदिर में जाने की इजाज़त नहीं है। अब मज़ा लीजिए उसी दलित बारात का माता रानी का आशीर्वाद लेते हुए उसी मंदिर में। आइए हम सब मिलकर जातिवाद का खात्मा करें।”
So many posted video of Dalits denied entry in a temple in UP.
Now enjoy video of same Dalit baraat entering same temple for blessings of Mata Rani. Let’s join together to end Jaativaad.🙏Read https://t.co/cwq4ghLsZv for details.
Pranams to @swati_gs for her crucial role. pic.twitter.com/SyM2Br5WkH
— Sanjeev Newar संजीव नेवर (@SanjeevSanskrit) November 19, 2019
इस वीडियो में लोगों को नाचते और उत्सव मनाते मंदिर के बाहर देखा जा सकता है जबकि दूल्हे को मंदिर में जाते और पूजा करते हुए देखा जा सकता है।
Recently, @swati_gs reported that Dalit Valmikis in Rakheda were waiting for a wedding to know if they were still being socially boycotted. Am excited to inform that wedding happened today amicably and groom welcomed in same temple. We will together eradicate evil of casteism 🙏 pic.twitter.com/6eBVi8jIHs
— Sanjeev Newar संजीव नेवर (@SanjeevSanskrit) November 19, 2019
दूल्हे प्रदीप के रिश्तेदार सनी कुमार ने इस संवाददाता को फोन पर बताया कि गाँव में अब सब कुछ ठीक है। पूरा समारोह शांति से और ब्राह्मणों एवं ठाकुरों की भागीदारी से पूरा हुआ।
बता दें कि 31 अक्टूबर को जब खुरजा में वाल्मीकि लोगों ने उप-प्रभागीय न्यायाधीश के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया तब इन लोगों ने धमकी दी- “हम इस्लाम धर्म को अपना लेंगे और धर्म परिवर्तन कर लेंगे।”
सनी कुमार ने बताया कि अब समाज का कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन करने की नहीं सोच रहा, “अब कोई दुश्मनी नहीं है। बहिष्कार ख़त्म कर दिया गया है। हम दूसरे धर्म में परिवर्तित नहीं होंगे।”, सनी ने कहा।
जहांगीर पुलिस थाना की के पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूरे समारोह के दौरान मंदिर के बाहर दो पुलिसवाले तैनात थे पर कोई भी प्रतिकूल घटना नहींं घटी।