चीन की कंपनी को रेल टेंडर देने के कांग्रेस के झूठे दावे का केंद्र ने किया खंडन

भारत और चीन के बीच एलएसी पर हुई झड़प के बाद दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के पहले चरण न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक 5.6 किलोमीटर लंबे अंडरग्राउंड हिस्से को बनाने के लिए चीन की कंपनी को टेंडर देने की गलत खबर ने जोर पकड़ा तो कांग्रेसी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधना शुरू कर दिया। इसके बाद केंद्र सरकार ने स्थिति साफ करते हुए इसका खंडन कर दिया।
हिंदुस्तान लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने जारी बयान में कहा, “अभी तक इस काम को लेकर टेंडर तय नहीं किया गया है। यह साफ है कि निर्माण एडीबी के फंड से होगा। इसके तहत सुरंग की डिजाइन और निर्माण का काम होगा। गत वर्ष नौ नवंबर को इसके लिए टेंडर मांगे थे, जिसे तकनीक रूप से 16 मार्च को खोला गया था।
इस योजना के लिए पाँच कंपनियों ने टेंडर डाला था। इनमें एसकेईसी (कोरिया) और टाटा, स्टेक (चीन), एलएंडटी (भारत) और गुलेरमैकगिर (तुर्की) शामिल है। स्टेक ने सस्ता टेंडर दिया। एलएसी पर घटना के बाद केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि अभी तक टेंडर पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
सोशल मीडिया पर इसकी गलत खबर पर कांग्रेसी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर अभियान पर सवाल खड़े कर दिए थे। उन्होंने ट्वीट किया था, “मोदी सरकार द्वारा चीन की शंघाई ईजिनीरिंग कंपनी को 1,126 करोड़ रुपये का ठेका। वाह, मोदी जी। ये है भाजपा के आत्मनिर्भर भारत की परिभाषा।”
मोदी सरकार द्वारा चीन की शंघाई ईजिनीरिंग कम्पनी को ₹1,126 करोड़ का ठेका।
वाह, मोदी जी,
ये है भाजपा के ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिभाषा!https://t.co/GfHQrOO36a— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 14, 2020