आर्थिक गलियारे में चीन देख रहा अपना लाभ- अमेरिका ने पाकिस्तान को चेताया

गुरुवार को अमेरिका ने पाकिस्तान को चीन की मंशाओं को लेकर चेतावनी दी है। दैनिक भास्कर के अनुसार अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने पाकिस्तान को सचेत करते हुए कहा है कि चीन का चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) में निवेश का मकसद पाकिस्तान की मदद करना नहीं बल्कि अपने आप को फायदा पहुँचाना है।
अमेरिका ने यह भी कहा कि अगर चीन लंबे समय तक सीपीईसी के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करता रहा तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी।
दक्षिण एशियाई मामलों के अमेरिकी कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने कहा, “चीन और पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को एक खेल बदलने वाले खिलाड़ी की तरह दिखा रहे हैं परंतु ऐसा है नहीं। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि चीन सिर्फ और सिर्फ फायदा कमाना चाहता है जबकि अमेरिका इससे बेहतर मॉडल पेश कर सकता है।”
वेल्स ने आगे कहा, “चीन अपने अरबों डॉलर की महत्वाकांक्षी योजना के लिए गैर-रियायती कर्ज दे रहा है। चीनी कंपनियाँ अपने मजदूर और सामान भी भेज रही हैं। इससे पाकिस्तान में बेरोजगारी का खतरा बढ़ रहा है।”
“अगर पाकिस्तान चीन को कर्ज चुकाने में देर करेगा तो उसके आर्थिक विकास पर खासा असर पड़ेगा। साथ ही प्रधानमंत्री इमरान खान का देश में बदलाव की उम्मीद को भी धक्का लगेगा।”, वेल्स ने बताया।
बता दें कि उबर, एक्सॉन मोबिल, पेप्सिको जैसी अमेरिकी कंपनियों ने पाकिस्तान में करीब 1.3 अरब डॉलर का निवेश किया है।
गौरतलब है कि आर्थिक गलियारा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है और इस योजना के जरिए चीन बंदरगाह, सड़क, रेल और ऊर्जा परियोजनाओं पर काम कर रहा है।
इसी साल ठेकेदारों का भुगतान ना होने की वजह से सीपेक परियोजना का काम बंद करना पड़ा था। पाकिस्तानी अखबार द न्यूज़ के मुताबिक पहली और दूसरी तिमाही के लिए कुल 20,000 करोड़ पाकिस्तानी रुपये की ज़रूरत थी।