150 निजी रेलगाड़ियों की रेलवे की योजना में दो दर्जन से अधिक कंपनियों ने दिखाई रुचि

भारतीय रेलवे द्वारा 150 निजी रेलगाड़ियों को संचालित करने की महत्वाकांक्षी योजना में ग्लोबल मजर्स एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट, बॉम्बार्डियर, सीमेंस एजी, टैल्गो और मैक्वेरी समेत दो दर्जन से अधिक कंपनियों ने प्रचुर रुचि दिखाई है।
लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार इस योजना के तहत भारतीय रेलवे संकेतन और पटरियों को नियंत्रित करना जारी रखेगी और चयनित निजी कंपनियों को 10-12 के समूह में बंडल किए गए 100 रास्तों पर यात्री रेलगाड़ियों को चलाने के लिए 35 वर्षों की रियायत देगी।
रिपोर्ट में रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि अडानी बंदरगाह और विशेष आर्थिक क्षेत्र, भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी), टाटा रियल्टी, राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश निधि (एनआईआईएफ) और केईसी अंतरराष्ट्रीय लिमिटेड जैसी घरेलू कंपनियों ने भी 100 मार्गों पर ट्रेनें चलाने की सरकार की योजना में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बुधवार (29 जनवरी) को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पहली (निजी) ट्रेन को चलने में कम से कम दो साल लगेंगे। उन्होंने कहा कि विचार यह है कि विमानन क्षेत्र में जैसा होता है उसी तरह की मांग के आधार पर ट्रेनों की पेशकश करने में सक्षम होना चाहिए। “वर्तमान में रेलवे अपने नेटवर्क पर लगभग 13,000 यात्री ट्रेनें चलाती है, लेकिन मांग को पूरा करने के लिए लगभग 20,000 ट्रेनों की आवश्यकता होगी।”, यादव ने बताया।
इस महीने नीति आयोग ने केंद्र सरकार को 100 मार्गों पर 150 निजी गाड़ियों को चलाने की योजना का संचालन करने में मदद करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप का अनावरण किया।
सरकारी विशेषज्ञ समूह ने ‘निजी भागीदारी- यात्री ट्रेनों’ की पहचान करते हुए एक पेपर जारी किया जिसमें 150 निजी रेलगाड़ियों के संचालन के लिए मुंबई सेंट्रल-नई दिल्ली, नई दिल्ली-पटना, इलाहाबाद-पुणे और दादर-वडोदरा सहित 12 चयनित समूह में 100 मार्गों की पहचान की थी।