एनडीटीवी लेखा परीक्षकों ने कर्ज, घाटे में चल रही कंपनी के जारी रहने पर जताया संदेह

एनडीटीवी लेखा परीक्षकों को कंपनी को जारी रखने की क्षमता पर गहरा संदेह है और यह चिंता बढ़ती जा रही है। 12 नवंबर को चार्टर्ड अकाउंटेंट बीएसआर एवं एसोसिएट्स द्वारा एनडीटीवी के निदेशक मंडल को सौंपी इस रिपोर्ट पर सहयोगी राकेश दीवान ने हस्ताक्षर हैं।
लेखा परीक्षकों की रिपोर्ट के अनुसार मूल कंपनी (जो कि टेलीविजन व्यवसाय में है) की देनदारी सीमा कंपनी की कुल संपत्ति से करीब 88.92 करोड़ रुपये ज़्यादा है।
“आपको बताना चाहते हैं कि मूल कंपनी, जो टेलीविजन व्यवसाय करती है, को कुल 10.16 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है जिसमें से 30 सितंबर 2019 को समाप्त होने वाली तिमाही में 1.17 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।”, लेखा परीक्षकों ने कहा।
“प्रबंधन की मानें तो कंपनी ने रणनीतिक और परिचालन उपाय शुरू कर दिए हैं ताकि इस चुनौती से निपट सके। इस मामले में हमारा निष्कर्ष संशोधित नहीं किया गया है।”, रिपोर्ट में कहा गया।
आपको बता दें कि सीबीआई प्रणय और राधिका रॉय पर काले धन को वैध बनाने के मामले में जाँच कर रही है और सीबीआई के निवेदन पर ही दोनों को अगस्त में मुंबई हवाई अड्डे पर रोका गया था।
इसी साल जून में आयकर अपीलीय न्यायालय ने लोन की आड़ में शेयर बिक्री पर विचार करने पर प्रणय और राधिका रॉय के खिलाफ दीर्घ अवधि पूंजी लाभ कर की मांग के फैसले को सही ठहराया।
आपको बता दें कि आयकर न्यायालय का यह निर्णय सेबी द्वारा एनडीटीवी अध्यक्ष प्रणय रॉय एवं निर्देशक राधिका रॉय पर दो साल के लिए मार्केट उपयोग ना करने का प्रतिबंध लगाए जाने के बाद आया है।
जून 2014 के निर्णय में आयकर विभाग ने कहा था कि प्रणय और राधिका रॉय ने दो वर्षों तक 117 करोड़ रुपये की आय को छुपाया था। इसके बाद चार्जशीट दायर होने पर जाँच शुरू हुई।