1984 दंगों में लिप्त कमल नाथ के मुख्यमंत्री बनने पर सिख समुदाय नाराज़

कमल नाथ, जो कथित तौर पर 1984 सिख-विरोधी दंगों में शामिल थे, को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित कर कांग्रेस आलोचना के घेरे में आ गई है। नाथ पर नई दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज में दंगों के दैरान 4,000 लोगों की भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप है, एक ऐसा हमला जिसमें दो सिखों को ज़िंदा जलाया गया था।
On November 1, 1984, a mob of 4000 attacked Gurdwara Rakabgunj. Two sikhs, father and son, were burnt alive. Mr Suri, a journalist, witnessed the mob. He told the Commission the mob was led by one man.
That man just became the 18th Chief Minister of Madhya Pradesh.
Kamal Nath.
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) December 12, 2018
सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता और आम आदमी पार्टी के नेता एचएस फूलका जिन्होंने 1984 दंगों के मामलों में कोर्ट में कई साल बिताए हैं ने कहा कि कमल नाथ के विरुद्ध शक्तिशाली साक्ष्य हैं, इंडियन एक्सप्रेस ने बताया। उन्होंने कांग्रेस की घोर निंदा की कि नाथ को सज़ा देने के बजाय पार्टी ने उन्हें पुरस्कृत किया है।
द ट्रिब्युन के अनुसार दिल्ली से अकाली दल के विधायक मजिंदर सिंह सिरसा ने पहले धमकी दी थी कि देश भर में प्रदर्शन किया जाएगा अगर कमल नाथ मुख्यमंत्री बनते हैं तो। उन्होंने यह भी माँग की थी कि पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी ऐसा होने पर पद त्याग देना चाहिए।
Capt should quit if Kamal Nath becomes MP chief minister: Sirsa https://t.co/4kOhiiuH3p via @thetribunechd
— Manjinder S Sirsa (@mssirsa) December 13, 2018
दिल्ली से भाजपा के नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ट्विटर पर यह घोषणा की है कि यदि कमल नाथ मुख्यमंत्री बने तो वे आमरण अनशन पर बैठेंगे।
Tajinder Pal Singh Bagga: if Kamalnath become CM then I will go on Hunger Strike till death https://t.co/yN3BzRxZHz
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) December 13, 2018