एएसआई ने आंध्र प्रदेश में खोजीं 2000 वर्ष पुरानी ईंट संरचनाएँ और भगवान विष्णु की मूर्ति

आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में दुपेटा के पास गोटीप्रोलू में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) टीम ने खोदाई का पहला चरण पूरा किया। इस दौरान उन्हें दूसरी-पहली शताब्दी ईसा पूर्व या उससे थोड़े बाद की ईटों के विशाल बाड़े से घिरी एक विशाल बस्ती के अवशेषों का पता चला है।
गोट्टीप्रोलू नादुपेट से करीब 17 किमी पहले और तिरुपति और नेल्लोर से 80 किमी दूर स्वर्णमुखी नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। एएसआई को खोदाई में कई तरह के आकारों की ईंट-निर्मित संरचनाएँ मिली हैं। मिली हुईं ईंटों का आकार (43- 48 सेमी) है, जो कृष्णा घाटी यानी अमरावती और नागार्जुनकोंडा में सातवाहन या इक्ष्वाकु काल की संरचनाओं के समय को दर्शाता है।
Apart from the excavated remains, one of the most major find was the discovery of a buried Vishnu sculpture from the western part of the village. Subsequent excavations conducted around the image revealed it to be a life size image of Vishnu measuring about 2 meters in height. pic.twitter.com/SdFCic1jXR
— Archaeological Survey of India (@ASIGoI) October 31, 2019
विस्तृत स्थलाकृतिक अध्ययन और ड्रोन छवियों ने किलेबंदी से घिरे एक प्रारंभिक ऐतिहासिक वस्तुओं की पहचान करने में मदद की है। उत्खनन में मिले अवशेषों के अलावा सबसे मुख्य खोज में से एक गाँव के पश्चिमी भाग में दफन विष्णु की मूर्ति की खोज थी। खोदाई में भगवान विष्णु की बड़ी प्रतिमा मिली, जो करीब दो मीटर लंबी थी।
यह चार भुजाओं वाली शस्त्र के साथ मिली भगवान विष्णु की प्रतिमा है। इसके ऊपरी दाएँ और बाएँ हाथ में चक्र व शंख हैं। निचला दायाँ हाथ वरदान देने की मुद्रा में है और बायाँ हाथ कूल्हे पर रखा हुआ है।
सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई कि विस्तृत हेडगियर, मोटा पवित्र धागा और सजावटी चिलमन जैसी प्रतीकात्मक विशेषता पल्लव काल (लगभग 8 वीं शताब्दी) तक की है। अन्य प्रमुख पुरावशेषों में तांबे व सीसे के सिक्के, लोहे के भाले के सिर, पत्थर के खंभे, टेराकोटा के मोती, कीमती पत्थरों से बने कान के बाले और हेपस्काच हैं।