“सुरक्षाकर्मी इरफान हबीब को ना रोकते तो वे मुझ पर हमला कर देते”- केरल राज्यपाल

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस (आईएचसी) में हुए विवाद को लेकर कहा, “अगर मंच पर सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं रहते तो इतिहासकार इरफान हबीब उन पर हमला कर सकते थे।”
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को कन्नूर विश्वविद्यालय में सीएए पर विचार रखते वक्त आरिफ खान के भाषण को इरफान हबीब ने रोकने की कोशिश की थी। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, “हबीब ने सीएए को लेकर कुछ मुद्दे उठाए। मैंने जब उन पर बात रखनी चाही तो वे मंच पर अपनी सीट से खड़े हुए और शारीरिक तौर पर मुझे रोकने की कोशिश की। यह वीडियो में स्पष्ट है।”
#WATCH: Kerala Governor Arif Mohammad Khan speaks to ANI on being heckled by historian Irfan Habib while Khan was delivering his inaugural address at the 80th Indian History Congress at Kannur University, yesterday. pic.twitter.com/i5Mg1AGOUX
— ANI (@ANI) December 29, 2019
राज्यपाल ने बताया, “मलयाली के प्रसिद्ध साहित्यकार शाहजहाँ मादमपर के विचार भी मुझसे अलग थे। मैंने उनसे कहा था कि जो विरोध कर रहे हैं, उन्हें मेरी तरफ से बातचीत का बुलावा भेजा जाए। वह लौटकर आए तो बताया कि प्रदर्शनकारी बातचीत नहीं प्रदर्शन करने ही आए थे।”
उन्होंने कहा, “इसके बाद मैं बोला कि जब बातचीत बंद होती है तो हिंसा का माहौल बनना शुरू होता है। यह कहते ही इरफान साहब मेरी तरफ बढ़े। एडीसी ने उन्हें रोका। वे सोफे के पीछे से मेरी तरफ आए, जहाँ सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें फिर रोक लिया।” रविवार को इस बाबत आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्य सचिव टॉम जोस को राजभवन तलब किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गोपीनाथ रविंद्रन ने स्वीकारा कि इरफान हबीब का नाम वक्ताओं की सूची में नहीं था। उधर, इरफान हबीब ने आईएचसी में प्रोटोकॉल के उल्लंघन से इनकार किया है।
मामले के बाद राज्यपाल ने ट्वीट किया, “इरफान ने उनसे अब्दुल कलाम आजाद को कोट करने के अधिकार पर सवाल उठाते हुए गोडसे का जिक्र करने को कहा था।” मोहम्मद खान ने बाद में कहा, “मैं किसे कोट करूंगा यह खुद तय करूंगा। मुझे धमकी देकर चुप नहीं करा सकते।”