करतारपुर कॉरिडोर- सेना ने बदला इमरान खान का बयान, पासपोर्ट लाना ज़रूरी बताया

सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानकदेव की जयंती से पहले इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) प्रमुख मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा, “भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए पासपोर्ट की ज़रूरत होगी।” हालाँकि, इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने पासपोर्ट ले जाने की छूट की शर्तों की घोषणा की थी। सेना का यह कदम इशारा करता है कि उसने अपने प्रधानमंत्री का बयान पलट दिया है।
करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन 9 नवंबर को गुरुनानक देव की जयंती से पहले होगा। डॉन न्यूज ने आईएसपीआर के महानिदेशक के हवाले से बुधवार (6 नवंबर) को कहा, “सुरक्षा के लिहाज से प्रवेश प्रक्रिया पासपोर्ट-आधारित पहचान के तहत होगी। सुरक्षा या संप्रभुता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”
मूलरूप से गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से लोकप्रिय करतारपुर कॉरिडोर के जरिए भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के वहाँ जा सकते हैं। गुरुद्वारा दरबार साहिब सिखों का पवित्र धर्मस्थल है, जहाँ सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव ने अपनी जिंदगी के आखिरी 18 साल बिताए थे और वहीं अपने प्राण त्याग दिए थे।
12 नवंबर को गुरुनानक की 550वीं जयंती मनाने के लिए गलियारे की स्थापना की गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 1 नवंबर को ट्विटर पर करतारपुर कॉरिडोर के पूरा होने की घोषणा करते हुए तीर्थयात्रियों की पहचान और पूर्व पंजीकरण के लिए पासपोर्ट ले जाने की छूट की शर्तों की घोषणा की थी।
For Sikhs coming for pilgrimage to Kartarpur from India, I have waived off 2 requirements: i) they wont need a passport – just a valid ID; ii) they no longer have to register 10 days in advance. Also, no fee will be charged on day of inauguration & on Guruji's 550th birthday
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) November 1, 2019
पाकिस्तान सरकार ने भी भारतीय तीर्थयात्रियों को गलियारे और गुरु नानक देव के जन्मदिन पर उद्घाटन के दिन 20 डॉलर के प्रवेश शुल्क का भुगतान करने की छूट दी है।