क्या इस्लामी अत्याचारों के विरुद्ध बोलना अपराध है? टीपू सुल्तान पर भाषण के लिए कर्नाटका में पत्रकार की गिरफ्तारी

आशुचित्र- टीपू सुल्तान के अत्याचारों को सूचीबद्ध करने पर पत्रकार संतोष तमय्या की गिरफ्तारी से कर्नाटका में कोलाहल मचा हुआ है। इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन कहा जा रहा है।
टीपू सुल्तान, जिसे कई लोग स्वतंत्रता सैनानी नहीं, तानाशाह शासक मानते हैं, पर प्रसिद्ध पत्रकार संतोष तमय्या के भाषण के बाद पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी से कोलाहल मचा हुआ है।
अर्धरात्रि में हुई इस गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना हो रही है और प्रश्न उठ रहे हैं कि ऐसी क्या आतुरता थी। अन्य कोडावाओं की तरह तमय्या भी टीपू सुल्तान के बारे में उनके विचारों को लेकर मुखर थे।
कोडागु में टीपू कुछ नहीं बल्कि एक अत्याचारी माना जाता है जिसने छलपूर्वक उन्हें हराया था। उसपर नरसंहार और बलपूर्वक धर्म परिवर्तन करवाने का भी आरोप है।
पिछले सप्ताह हुए एक आयोजन में तमय्या ने टीपू सुल्तान के विषय में विस्तार से चर्चा की और उसके अत्याचारों के विषय में बताया, विशेषकर कि कोडावाओं पर। तमय्या का भाषण उस समय आया जब कर्नाटका में टीपू जयंती मनाने की तैयारियाँ ज़ोरों पर थी। भारतीय जनता पार्टी और कोडागु वासियों के तीव्र विरोध के बावजूद सरकार उत्सव मनाने के निर्णय पर बरकरार रही।
मैसुरु-कोडागु क्षेत्र के भाजपा सांसद ने गिरफ्तारी पर तुरंत सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “तुम्हारी डरपोक सरकार ने मेरे प्रिय मित्र संतोष तमय्या को गिरफ्तार किया। हम इसके विरुद्ध लड़ेंगे।”
तमय्या को गिरफ्तार करने के विषय में तब से सोचा जा रहा था जबसे उन्होंने भाषण दिया था। उनके भाषण देने के कुछ देर बाद ही पुलिस ने उनके विरुद्ध केस दर्ज कर लिया था, गिरफ्तारी मात्र एक औपचारिकता है। अब सवाल उठ रहे हैं कि जनता दल-कांग्रेस द्वारा शासित कर्नाटका में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है भी या नहीं।
वरिष्ठ भाजपा नेता बी एल संतोष ने एक ट्वीट में कहा, “टीपू जयंती के विरुद्ध बोलने के लिए एक लेखक और एक राष्ट्रवादी संतोष तमय्या को डरपोक कर्नाटका पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। हम इसके विरुद्ध पूरी ताकत से लड़ेंगे।”
Santhosh Thammaiah , a writer with nationalist leaning arrested by coward Karnataka Police for speaking against Tippu Jayanthi .. We will fight tooth & nail against this cowardice act .. #IamwithSanthoshThammaiah
— B L Santhosh (@santhoshbjp) November 12, 2018
गिरफ्तारी के कुछ देर बाद बहुत लोग तमय्या के समर्थन में सामने आए। ट्वीटर पर #iamwithsantosh ट्रेंड के माध्यम से अथाह समर्थन देखने को मिला। राजेश पदमार ने ट्वीट किया, “राष्ट्रवादी पत्रकार संतोष तमय्या को कोडागु के निकट टीपू के बारे में सच बोलने के लिए गिरफ्तार किया गया है। यह स्पष्ट रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है। उन्होंने ऐतिहासिक सत्य कहा है। कुछ गलत नहीं।”
Nationalist Journalist Santhosh Thammaiah arrested for speaking the Truth on Tipu Sultan in a program held near Kodagu, Karnataka. A very clear action against the Freedom of Speech and Expression. He told the historic truth about Tipu. Nothing wrong. #IamwithSanthoshThammaiah pic.twitter.com/fV0ILBZKBZ
— Rajesh Padmar (@rajeshpadmar) November 13, 2018
इतने विरोध के बावजूद सरकार टीपू जयंती मनाने पर अडिग रही। इस उत्सव की शुरुआत सिद्दारामय्या की कांग्रेस सरकार ने 2015 में की थी जब इसके कारण थो़ी हिंसा भी हुई थी।
कोडागु की राजधानी मडिकेरी में उस पूरे वर्ष तनाव का वातावरण रहा था। विश्व हिंदू परिषद के सचिव 60-वर्षीय कुटप्पा को पत्थरबाज़ी में सिर पर चोटें आई थीं और उनकी मृत्यु हो गई। हालाँकि पुलिस ने कहा कि एक दीवाल के पार छलांग लगाने से आई चोटों के कारण उनकी मृत्यु हुई।
विरोधों के बावजूद 2015 से हर वर्ष टीपू जयंती मनाई जा रही है। इस वर्ष भी यह उत्सव मनाया गया, हालाँकि मौन रूप से और राज्य सरकार ने जुलूस पर प्रतिबंध भी लगाया था। टीपू के शर्मिंदा समर्थक कुछ बहाना बनाकर इस उत्सव से दूर रहे। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने भाग न लेने के लिए स्वास्थ्य कारण बताए और उप-मुख्यमंत्री डॉ जी परमेश्वर ने अंतिम समय पर आयोजन में भाग न लेने का निर्णय लिया।
विकी नानजप्पा एक स्वच्छंद पत्रकार हैं। वे @vickynanjappa द्वारा ट्वीट करते हैं।