दानिश सिद्दीकी की तालिबान झड़प में मौत, कोविड चिताओं के चित्रों से आए थे सुर्खियों में

भारतीय छायाचित्र पत्रकार दानिश सिद्दीकी की अफगानिस्तान के कंधार में अफगान सेना और तालिबान लड़ाकों के बीच झड़प में मौत हो गई। वे अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रायटर से जुड़े थे। उनकी मौत पर वहाँ पर उपस्थित भारतीय राजदूत फरीद मामुंदजे ने गहरा दुःख प्रकट किया है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय राजदूत ने बताया, “पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता दानिश सिद्दीकी से दो सप्ताह पूर्व ही मेरी भेंट हुई थी। वह मेरे करीबी मित्र थे।” उनकी मृत्यु अफगान सेना और तालिबान के बीच कंधार के स्पिन बोल्डर जिले में हुई गोलीबारी के दौरान हुई।
40 वर्षीय पत्रकार को गोली लगी थी। वे विगत कुछ दिनों से वहीं पर काम कर रहे थे। वे मुंबई के रहने वाले थे और उन्होंने दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी।
इसके उपरांत यहीं से उन्होंने मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई भी की थी। उन्होंने अपना करियर एक टीवी पत्रकार के रूप में शुरू किया था। फिर उन्होंने छायाचित्र पत्रकार के रूप में खुद को स्थापित किया।
भारत में कोविड की दूसरी लहर के दौरान हुई मौतों की चिंताओं का चित्र डालने पर उनकी आलोचना हुई थी क्योंकि इसे संवेदनहीन माना गया था। 22 अप्रैल को उन्होंने दिल्ली के चिता स्थल के चित्रों के साथ ट्वीट किया था।
As India posted world record of COVID cases funeral pyres of people, who died due to the coronavirus disease were pictured at a crematorium ground in New Delhi, April 22, 2021. @Reuters #CovidIndia pic.twitter.com/bm5Qx5SEOm
— Danish Siddiqui (@dansiddiqui) April 22, 2021
उनकी मृत्यु ऐसे समय में हुई, जब ताशकंद में अफगानिस्तान के मुद्दे पर खास कॉन्फ्रेंस चल रही थी। दो दिवसीय बैठक में भारत से विदेश मंत्री एस जयंशकर और पाकिस्तान से इमरान खान थे। इससे पहले अफगानिस्तान में खतरे को देखते हुए भारतीय दूतावास से लगभग 56 भारतीयों को वापस स्वदेश लाया जा चुका है।