दशकों में भारत का सबसे बड़ा राइफल सौदा- 72,000 राइफलों का अनुबंध तय

पैदल सेना के आधुनिकीकरण के लिए भारत ने फास्ट–ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत भारतीय सेना के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) से 72,000 सिग सॉयर 716 हमलावर राइफल्स प्राप्त करने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
Defence Ministry: India signs contract for acquiring 72,000 Sig Sauer Assault Rifles for the Indian Army under fast-track procedures. pic.twitter.com/LRwRpQHUwf
— ANI (@ANI) February 12, 2019
अमेरिकी फर्म आज (12 फरवरी) से 12 महीने के भीतर 72,400 7.62×51 मिमी राइफल वितरित करेगी। 12 फरवरी को ही भारत ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
इससे पहले पिछले हफ्ते, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के एक लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है ताकि फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत अमेरिका से लगभग 72,000 असॉल्ट राइफलें खरीदी जा सकें।
यह दशकों में भारतीय सेना की बुनियादी हमला राइफलों का सबसे बड़ा संग्रह होगा।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 72,400 सिग 716 असॉल्ट राइफलों की खरीद को मंजूरी दी थी जिनका इस्तेमाल चीन के साथ लगभग 3,600 किलोमीटर लंबी सीमा पर तैनात सैनिकों द्वारा किया जाएगा।
सिग सॉयर कंपनी से 72,400 असॉल्ट राइफल्स के लिए यह ऑर्डर सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट होगा जो राज्य के ऑर्डनेंस फैक्टर बोर्ड द्वारा विकसित विक्षित किया जाएगा वो भी आईएनएसएएस के प्रवेश करने के बाद।
अनुबंधित सभी राइफलों का निर्माण सिग सॉयर की न्यू हैम्पशायर में किया जाएगा और ई–यूएस फर्म को सौदे पर अंतिम निर्णय लेने के एक वर्ष के भीतर राइफल वितरित करनी होगी।
यूएस निर्मित राइफलें इंसास राइफलों की जगह लेंगी। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना ने भारत–पाकिस्तान और भारत–चीन सीमा पर उभर रहे खतरों को देखते हुए विभिन्न हथियार प्रणालियों की अधिप्राप्ति के लिए दबाव डाला गया है।
अक्टूबर 2017 में सेना ने लगभग 7 लाख राइफल, 44,000 लाइट मशीन गन और लगभग 44,600 कार्बाइन हासिल करने की प्रक्रिया शुरू की।
करीब 18 महीने पहले तोपों की फायरिंग परीक्षणों में बुरी तरह विफल होने के बाद सेना ने राज्य–संचालित राइफल फैक्ट्री, ईशापुर द्वारा निर्मित एक असॉल्ट राइफल को अस्वीकार कर दिया था।
एक प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया के बाद भारतीय सेना ने सितंबर 2018 में सिग 716 को चुना जिसने काराकल को 93,895 बैटल कार्बाइन की आपूर्ति करने के लिए एक प्रतियोगिता में हराया।
असॉल्ट राइफलों की खरीद में सेना की विनिर्देश देने में विफलता सहित कई कारणों से देरी देखी गई है। सेना को अपनी इंसास राइफलों को बदलने के लिए लगभग 7 लाख 7.62×51 मिमी असॉल्ट गन की ज़रूरत है।
भारतीय सेना ने पिछले एक दशक में अपने विशेष बलों और राष्ट्रीय राइफल्स की विद्रोह विरोधी इकाइयों के लिए कुछ हज़ार इज़राइली टीएआरआर-21 5.56 मिमी असॉल्ट राइफलें खरीदी हैं लेकिन बड़े पैमाने पर असॉल्ट राइफलों का प्रवर्तन करने में हमेशा से ही विफल रही है।