थल सेना प्रमुख ने भारत-चीन तनाव के बीच लेह स्थित 14 कोर मुख्यालय का दौर किया

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच तनाव के बीच थल सेना प्रमुख एमएम नरवाणे ने शुक्रवार (22 मई) को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह में स्थित 14 कोर के मुख्यालय का दौरा किया।
हिन्दुस्तान टाइम्स को रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने चीन के आरोपों को खारिज कर दिया था कि भारतीय सैनिकों ने लद्दाख और सिक्किम सेक्टरों में एलएसी पार करके तनाव शुरू किया था। इसके एक दिन बाद संवेदनशील क्षेत्र की स्थिति की सामान्य समीक्षा के लिए थल सेना प्रमुख पहुँचे। भारत ने चीनी सेना पर भारतीय सीमा पर गश्त में बाधा डालने का भी आरोप लगाया था।
इसके अलावा, यह यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब दोनों सेनाओं के स्थानीय कमांडरों के बीच बार-बार की वार्ता तनाव को कम करने में विफल रही है। यहाँ तक कि राजनयिक चैनलों द्वारा गतिरोध को समाप्त करने का काम भी जारी है।
एक पत्रकार अजय शुक्ला ने ट्वीट किया, “सरकार लद्दाख घुसपैठ को महज एक और सीमा संघर्ष के रूप में दिखाने की कोशिश कर रही है, जबकि वहाँ स्थितियाँ बहुत खराब हैं। गालवान-पैंगोंग में भारतीय सीमा पर 5000 चीनी सैनिकों ने अपने तंबू गाड़ दिए हैं। इस पर भारतीय सेना की अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।”
The govt is trying to pass off the Ladakh intrusions as just another border clash — but the situation is much, much worse. There are 5,000 Chinese on the Indian side at Galwan/Pangong and they are digging defences to stay. No Indian Army response so far.https://t.co/aeeLmCktRG
— Ajai Shukla (@ajaishukla) May 23, 2020
यह भी गौर किया जाना चाहिए कि 2017 में 73 दिनों तक चला डोकलाम संकट तनावपूर्ण स्थिति में रहा था। इसके बाद पहली बार एलएसी पर सीमा विवाद को लेकर वर्तमान में दो एशियाई दिग्गजों के बीच बड़े तनाव की स्थिति पैदा कर दी है।