डीआरडीओ ने ओडिशा के चांदीपुर में एसएफडीआर तकनीक का सफल परीक्षण किया

भारत के स्वदेशी मिसाइल विकास कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शुक्रवार (5 मार्च) को ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) तकनीक का सफल परीक्षण किया।
डीआरडीओ के अधिकारियों ने एएनआई के हवाले से कहा, “ग्राउंड बूस्टर मोटर सहित सभी प्रणालियों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया। परीक्षण के दौरान, कई नई तकनीकियाँ साबित हुईं। इसमें सॉलिड फ्यूल आधारित डक्टेड रैमजेट तकनीक भी शामिल है।”
During test, many new technologies were proven including Solid Fuel based Ducted Ramjet Technology: DRDO officials https://t.co/YvUHx3iZel
— ANI (@ANI) March 5, 2021
एसएफडीआर एक मिसाइल संचालक शक्ति की प्रणाली है, जिसमें एक कम धुआँ नोजल-कम मिसाइल बूस्टर के साथ एक थ्रस्ट मॉड्यूलेटेड डक्टेड रॉकेट शामिल है। सिस्टम में थ्रस्ट मॉडुलन एक गर्म गैस प्रवाह नियंत्रक का उपयोग करके प्राप्त किया जाता है। प्रणाली एक ठोस ईंधन के हवा से चलने वाले रैमजेट इंजन का उपयोग करती है।
एसएफडीआर प्रणोदन प्रौद्योगिकी की सफलता एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और देश में लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के स्वदेशी विकास का मार्ग खोलेगी। एसएफडीआर प्रौद्योगिकी चालित मिसाइल का पहला परीक्षण मई 2018 में किया गया था, जबकि दूसरा परीक्षण फरवरी 2019 में किया गया था।