जेएनयू- शुल्क समेत प्रमुख शर्तों में वापसी का लाभ सिर्फ आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को

जेएनयू प्रशासन ने छात्रावास शुल्क और अन्य प्रमुख शर्तों में वापसी करने का निर्णय लिया है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों की आर्थिक सहायता के लिए एक योजना भी प्रस्तावित की है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने एक जारी बयान में कहा, “विश्वविद्यालय ने पहले की तरह ही कमरे का किराया रखा है और बीपीएल छात्रों के लिए 50 प्रतिशत छूट की पेशकश की है।”
एचआरडी सचिव आर सुब्रह्मण्यम ने ट्वीट किया, “जेएनयू कार्यकारी समिति ने छात्रावास शुल्क संरचना और प्रमुख मांगों में वापसी की घोषणा की है।” विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आए नए बयान में स्पष्ट है कि सख्त नियमों के वापसी की घोषणा कुछ शर्तों के साथ आई है।
निर्णय लिया गया कि बीपीएल श्रेणी के सभी छात्र एकल क्षमता, डबल क्षमता वाले कमरे के किराए, उपयोगिता और सर्विस चार्ज में 50 प्रतिशत रियायत के पात्र हैं। उन छात्रों को इस श्रेणी से बाहर कर दिया गया, जिन्हें जूनियर रिसर्च फैलोशिप (जेआरएफ), सीनियर रिसर्च फैलोशिप (एसआरएफ) और अन्य समकक्ष फैलोशिप या छात्रवृत्ति बाहरी संगठनों या फिर जेएनयू से से मिलती है।
बीपीएल श्रेणी के छात्रों को एक छात्र क्षमता वाले कमरे के किराए के रूप में 300 और दो छात्र क्षमता वाले कमरे के किराए के रूप में 150 रुपये का भुगतान करना होगा। पहले यह शुल्क क्रमश: 20 से बढ़ाकर 600 और 10 से बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया था। प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एकमुश्त मेस सिक्योरिटी डिपॉजिट (रिफंडेबल) ही रहेगी। प्रस्तावित बढ़ोतरी को 12,000 से घटाकर 5,500 रुपये कर दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय ने कथित हॉस्टल कर्फ्यू टाइमिंग को भी वापस ले लिया, जो प्रशासन और छात्रों के बीच विवाद की एक प्रमुख वजह थी। आईएएनएस ने उच्च शिक्षा सचिव के हवाले से कहा, “छात्रों ने मंत्री से मुलाकात की और उन्होंने कुछ मांगों को वापस करने का आश्वासन देने का भरोसा दिया।