भूपेंद्र पटेल बने गुजरात के मुख्यमंत्री, जानिए कैसी रही है उनकी राजनीतिक यात्रा

2017 के गुजरात विधानसभा में चुनाव में पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल को गुजरात का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। आज गुजरात प्रदेश के मुख्यालय श्री कमलम में मिली विधायक दल की बैठक में यह घोषणा की गई। भूपेंद्र पटेल वर्तमान मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की जगह लेंगे, जिन्होंने कल राजभवन में जाकर राज्यपाल से मिलकर त्याग-पत्र सौंपा है।
भूपेंद्र पटेल अहमदाबाद की घाटलोड़िया विधानसभा के विधायक है। इसके पहले पटेल ने भूतकाल में कई दायित्वों का वहन किया हुआ है। पटेल 1995-96 में मेमनगर नगर पालिका की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन पद पर रह चुके हैं एवं मेमनगर नगर पालिका के प्रमुख का दायित्व भी उन्हें निभाया है।
2008 से 2010 के बीच अहमदाबाद स्कूल बोर्ड के उपाध्यक्ष पटेल ही थे। 2010 से 2015 के दौरान अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन के तौर पर अपना दायित्व निभा चुके हैं। और यह उस समय की बात है जब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
इसके अलावा पटेल अहमदाबाद शहरी विकास सत्ता मंडल (एयूडीए) के अध्यक्ष के तौर पर 2015 से 2017 तक अपनी सेवा दे चुके हैं। पटेल को सहकारी क्षेत्र यानी कि को-ऑपरेटिव का काफी अनुभव है। अगर जातिगत तौर पर देखें तो अब तक गुजरात से बने पटेल मुख्यमंत्री सभी लेउवा पाटीदार थे, जबकि भूपेंद्र कड़वा पाटीदार हैं।
तो इस तरह से देखा जाए तो गुजरात के इतिहास में पहली बार हुआ है जब कड़वा पटेल समुदाय से कोई मुख्यमंत्री बना है। भूपेंद्र पटेल उस विधानसभा से विधायक हैं जिसका प्रतिनिधित्व इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल करती थीं। 2017 के चुनाव में पटेल ने यह सीट 1 लाख से अधिक मतों के रिकॉर्ड अंतर के साथ जीती थी।
इस्तीफा देने वाले मुख्यमंत्री रुपाणी ने कहा है कि भूपेंद्र पटेल एक सक्षम नेता हैं और साथ ही में आश्वासन व्यक्त किया है कि उनके नेतृत्व में आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा सफलता प्राप्त करेगी। व्यवसायिक तौर पर बिल्डर भूपेंद्र अभी के समय विश्व उमिया फाऊंडेशन के ट्रस्टी के तौर पर कार्यरत हैं और सरदार धाम के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हैं।