आईआईटी मद्रास में जर्मन छात्र ने किया सीएए का विरोध, वापस एम्सटर्डम भेजा गया

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- मद्रास (आईआईटी मद्रास) में पढ़ाई कर रहे एक जर्मन विनिमय छात्र को कथित रूप से संस्थान के कैंपस में एवं चेन्नई की अन्य जगहों पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और दिल्ली में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लेने, जिससे उसने, “अपने वीजा की शर्तों का उल्लंघन किया”, जिसके चलते उसे जर्मनी वपास भेजा दिया गया है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार जैकब लिंडेंथल, आईआईटी मद्रास में भौतिकी के स्नातकोत्तर छात्र हैं, जो सोमवार (23 दिसंबर) को एम्स्टर्डम के लिए रवाना हुए।
रिपोर्ट के अनुसार, लिंडेंथल को अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने विरोध प्रदर्शन में भाग लेकर अपने वीज़ा प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
लिंडेंथल द्वारा द इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक साक्षात्कार के अनुसार, उन्हें चेन्नई में विदेशियों के क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय से भारत छोड़ने के लिए मौखिक निर्देश मिले थे।
लोगों द्वारा सीएए के खिलाफ विरोध शुरू करने के बाद, इस विनिमय छात्र को कई विरोध प्रदर्शनों में देखा गया था जिसमें लिखा था, “वर्दीधारी अपराधी = अपराधी”।
लिंडेंथल ने जो एक अन्य तख्ती हाथों में ली हुई थी उसमें लिखा था, “1933-1945 हम वहाँ रहे हैं”, उस समय के संदर्भ में है जब जर्मनी में नाजी पार्टी सत्ता में थी, जो वर्तमान में भारत सरकार के लिए एक बड़े गड्ढे की तरह है।
इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है कि यदि संस्थान (आईआईटी मद्रास) या केंद्र सरकार ने उसे भेजने का निर्णय किया।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शिक्षा मंत्री आरपी निशंक को टैग करते हुए एक ट्वीट में कहा, ” यह निराशाजनक है। हम एक गर्वित लोकतंत्र हुआ करते थे, दुनिया के लिए एक उदाहरण है, कोई भी लोकतंत्र अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दंडित नहीं करता। मैं @DrRPNishank से निवेदन करता हूँ कि @iitmadras को निष्कासन वापस लेने का निर्देश दे और भारत को अकादमिक जगत में अपना सिर ऊँचा रखने की अनुमति दे।”
This is dismaying. We used to be a proud democracy, an example to the world: https://t.co/M1MU3CyJVT No democracy punishes freedom of expression. I call on @DrRPNishank to instruct @iitmadras to withdraw the expulsion & allow India to hold its head high in the academic world.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 24, 2019