पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायालय में टिक टॉक की पैरवी करने से मना किया

भारत के शीर्ष वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बुधवार (1 जुलाई) को संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को पलटने के लिए टिक टॉक की न्यायालय में पैरवी करने से इनकार कर दिया।
मुकुल रोहतगी ने कहा कि वे सर्वोच्च न्यायालय में टिक-टॉक का प्रतिनिधित्व नहीं करना चाहते हैं। ऐसे तनावपूर्ण समय के दौरान वे ऐसी किसी चीनी कंपनी की पैरवी नहीं करना चाहते हैं, जिसमें भारत सरकार के खिलाफ बहस की जानी हो।
Senior Advocate Mukul Rohatgi has expressed his unwillingness to take on TikTok as a client and has said that he will not appear for TikTok before the Supreme Court as he doesn’t want to represent a Chinese company against the Govt of India during these tense times.
— Nalini 🌼 (@nalinisharma_) July 1, 2020
विवादास्पद ऐप टिक टॉक उन 59 चीनी एप में से एक था, जिस पर राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं की वजह से प्रतिबंध लगा दिया गया था।
सरकारी एजेंसियों ने पाया था कि ये ऐप उन गतिविधियों में लिप्त हैं, जो भारत की संप्रभुता व अखंडता, भारत की रक्षा, राष्ट्र की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं।