इसमें कुछ संदेह है कि नोटबंदी ने व्यक्तिगत कर अनुपालन स्तर में सुधार किया है

प्रसंग
कुछ नहीं तो, व्यक्तिगत कर अनुपालन स्तर पर विमुद्रीकरण और जीएसटी का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
आयकर विभाग द्वारा जारी करदाता डेटा पर नवीनतम समय श्रृंखला के साक्ष्य से पता चलता है कि व्यक्तिगत करदाता स्तर पर कर अनुपालन बढ़ रहा है- जो सरकार के दावों का समर्थन करता है कि विमुद्रीकरण और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बदलाव ने इस संबंध में महत्वपूर्ण योगदान दिया होगा।
प्रत्यक्ष कर संग्रह पर समय श्रृंखला डेटा 2000-01 से लेकर 2017-18 तक की अवधि से संबंधित है, जिनमें से नवीनतम अस्थायी है। यह प्रदर्शित करता है कि निगम कर के अनुपात के रूप में व्यक्तिगत आयकर का भुगतान बढ़ रहा है और 2017-18 में लगभग 74 प्रतिशत पर है (तालिका देखें)। व्यक्तियों द्वारा भुगतान किए गए 4,19,998 करोड़ रुपये की तुलना में- विमुद्रीकरण और जीएसटी के एक वर्ष बाद- निगमों द्वारा उस वर्ष 5,71,202 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
वित्तीय वर्ष | कोर्पोरेट कर (करोड़ में) | व्यक्तिगत आयकर (करोड़ में) | कोर्पोरेट कर के % के रूप में व्यक्तिगत कर |
2000-01 | 35696 | 31764 | 88.9847602 |
2001-02 | 36609 | 32004 | 87.42112595 |
2002-03 | 46172 | 36866 | 79.84492766 |
2003-04 | 63562 | 41386 | 65.11122998 |
2004-05 | 82680 | 49268 | 59.588776 |
2005-06 | 101277 | 63689 | 62.88594646 |
2006-07 | 144318 | 85623 | 59.32939758 |
2007-08 | 193561 | 120429 | 62.21759549 |
2008-09 | 213395 | 120034 | 56.24967783 |
2009-10 | 244725 | 132833 | 54.27847584 |
2010-11 | 298688 | 146258 | 48.96681487 |
2011-12 | 322816 | 170181 | 52.7176472 |
2012-13 | 356326 | 201840 | 56.64475789 |
2013-14 | 394678 | 242888 | 61.54080035 |
2014-15 | 428925 | 265772 | 61.96234773 |
2015-16 | 453228 | 287637 | 63.4640843 |
2016-17 | 484924 | 349503 | 72.07376826 |
2017-18 | 571202 | 419998 | 73.52880417 |
स्रोत: आयकर विभाग
निगम कर के अनुपात के रूप में व्यक्तिगत आयकर का यह अनुपात वाजपेई सरकार के कार्यकाल के वर्षों की अपेक्षा अब तक का सबसे अधिक है, जहां 2000-01 और 2004-05 के बीच अनुपात लगभग 80 प्रतिशत था। यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) कार्यकाल के वर्षों के दौरान, भुगतान किया गया व्यक्तिगत आयकर कॉर्पोरेट करों का औसतन 57 प्रतिशत था, जो दो चीजों में से एक या दोनों को इंगित कर सकता है: पहला, यूपीए के तहत अनुपालन दर कम थी, और दूसरा, 2004-05 और 2013-14 के दौरान व्यक्तिगत आय से कॉर्पोरेट आय तेजी से बढ़ी है। अथवा दोनों।
इसके विपरीत मोदी के कार्यकाल के दौरान (2014-15 से 2017-18) व्यक्तिगत कर भुगतान का हिस्सा कोरपोरेट करों की तुलना में, पहले साल में 62 प्रतिशत से आखिरी वित्तीय वर्ष में 72 प्रतिशत तक, तेजी से बढ़ा है। पिछले दो सालों में 72 प्रतिशत और 74 प्रतिशत पर सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी देखी गयी (आंकड़े निकतम पूर्ण संख्या में हैं)।
एक बार फिर से, इसमें हम दो संभावित कारणों को मान सकते हैं: एक है कोरपोरेट में ज़्यादा लाभ और धीमी मुनाफा वृद्धि, और दूसरा है व्यक्तिगत कर संग्रह स्तर पर अनुपालन में बढ़ोतरी ।
जहाँ कोर्पोरेट कर संकलन में बढोतरी और मुनाफा ज्यादा होता है, ऐसा माना जा रहा है कि पिछले कुछ सालों से दबाव में है, यह आश्चर्जनक है कि व्यक्तिगत आयकर ऐसा कुछ नहीं दर्शा रहे हैंI आर्थिक स्थिति खराब हिने के बाद भी लोग आयकर में ज्यादा से ज्यादा भुगतान कर रहे हैंI यह बेहतर अनुपालन का संकेत नहीं दे सकताI
अगर कुछ नहीं तो इससे यही निष्कर्ष निकल कर आता है कि नोटबंदी और जीएसटी से व्यक्तिगत कर अनुपालन दर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा हैI
कोई यह जरूर पूछ सकता है कि विकास और आय में बाधा, कठोर उपायों जैसे नोटबंदी, क्या आर्थिक लागत और लाभ के सन्दर्भ में तर्कसंगत है, लेकिन कोर्पोरेट और व्यक्तिगत के बीच में उच्च सापेक्ष अनुपालन स्तर को अब नकारा नहीं जा सकताI
जगन्नाथन स्वराज्य के सम्पादकीय निदेशक हैं. वे @TheJaggi पर ट्वीट करते हैं।