सरकार को मिला त्यौहारों का तोहफा- जी.एस.टी. संचय ने 1,00,000 करोड़ रुपए का आँकड़ा किया पार

वर्ल्ड बैंक की ईज़ ऑफ़ डुइंग बिज़नेस की सूची में 23 पायदान की छलांग लगाने के बाद आज (1 नवंबर को) वित्त मंत्रालय ने घोषणा की है कि अक्टूबर 2018 में जी.एस.टी. संग्रह 1,00,000 करोड़ रु. के आँकड़े को पार कर गया है।
हालाँकि जी.एस.टी. संग्रह सितंबर में भी बढ़ा था और 94,442 करोड़ रुपए था परंतु 1,00,000 करोड़ रुपए का आँकड़ा नहीं छू पाया था।
The revenue collected in October, 2018 of Rs. 100,710 crore is higher by 6.64% as compared to September, 2018 collection of Rs. 94,442 crore.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) November 1, 2018
यह घोषणा सरकार की अपेक्षाओं की दिशा में है जिसने दावा किया था कि जी.एस.टी. के कारण उत्पन्न परेशानियाँ जल्द ही खत्म हो जाएँगी।
“वर्तमान में जी.एस.टी. वृद्धि की प्रवृत्ति को देखकर लगता है कि यह नवंबर-दिसंबर में फिर से 1,00,000 करोड़ रुपए का आँकड़ा छुएगा।”, वित्त मंत्रालय ने 2 अक्टूबर को प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया को बताया था।
एन.डी.ए. सरकार ने जुलाई 2017 में वस्तु एवं सेवा कर लागू किया था जिससे देश में संयुक्त कर प्रणाली चालू की जा सके। प्रधानमंत्री मोदी जी.एस.टी. को गुड एंड सिंपल टैक्स कहते हैं।