आत्मनिर्भर भारत- राजनाथ सिंह का रक्षा क्षेत्र के 101 हथियारों के आयात पर प्रतिबंध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के स्पष्ट आह्वान को आगे बढ़ाने के लिए भारत के रक्षा मंत्रालय ने रविवार (9 अगस्त) को घोषणा की कि 101 रक्षा उपकरणों के आयात को प्रतिबंधित किया गया है। इस आयात के प्रतिबंध को 2020 से 2024 के बीच लागू किया जाएगा।
प्रतिबंधित उपकरणों में आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफलें, कोरवेट, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट जैसे उच्च प्रौद्योगिकी हथियार प्रणालियाँ शामिल हैं।
The Ministry of Defence is now ready for a big push to #AtmanirbharBharat initiative. MoD will introduce import embargo on 101 items beyond given timeline to boost indigenisation of defence production.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत में विभिन्न गोला-बारूद व उपकरणों के विनिर्माण और भारतीय उद्योग की वर्तमान व भविष्य की क्षमताओं का आँकलन करने के लिए सशस्त्र बलों, राज्य के स्वामित्व वाली व निजी कंपनियों के साथ व्यापक परामर्श के बाद इन उपकरणों की सूची तैयार की गई थी।”
उन्होंने कहा, “तीनों सेनाओं ने 260 योजनाओं के तहत इन उपकरणों का अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच 3.5 लाख करोड़ रुपये का ठेका दिया था। अनुमान है कि अगले छह से सात वर्ष में घरेलू उद्योग को करीब चार लाख करोड़ रुपये के ठेके मिलेंगे।”
रक्षा मंत्रालय ने 2020-21 के लिए घरेलू और विदेशी पूँजी खरीद मार्गों के बीच पूँजी खरीद बजट में भी परिवर्तन किया है। चालू वित्त वर्ष में घरेलू पूँजीगत खरीद के लिए लगभग 52,000 करोड़ के परिव्यय के साथ एक अलग प्रमुख बजट बनाया गया है।
आत्मनिर्भर भारत के लिए 101 प्रतिबंधित उपकरणों की सूची में न केवल छोटे उपकरण ही शामिल हैं बल्कि कुछ उच्च तकनीक वाले हथियार प्रणालियाँ भी हैं जैसे आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफलें, कोरवेट, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एलसीएच, राडार आदि।
भारत के प्रमुख उपकरण आयात में रूस से टैंक के लिए रॉकेट, सिम्युलेटर व घटक मरम्मत की सुविधाएँ, इज़रायल से लेज़र डेजिगनेशन पॉड्स, राडार, एयरक्राफ्ट पॉड, रेडियो, गरुड़ कमांडों व मिसाइलों के लिए हथियार, अमेरिका से विमान, हेलिकॉप्टर, मिसाइल, आर्टिलरी गन व सिमुलेटर और फ्रांस से विमान, गोला-बारूद, बाईमॉड्यूलर चार्ज सिस्टम व आर्टिलरी गनों के लिए हाई ज़ोन मॉड्यूल्स शामिल हैं।