बॉयज़ लॉकर रूम- पूछताछ में ग्रुप एडमिन ने बाकी सदस्यों को न जानने की बात कही

साइबर अपराध सेल ने बुधवार (6 मई) को विवादित इंस्टाग्राम चैट ग्रुप बॉयज़ लॉकर रूम के व्यवस्थापक को गिरफ्तार कर लिया। इसमें कम उम्र की लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीरें साझा की जाती थीं।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, साइबर टीम ने इंस्टाग्राम से ग्रुप और उसके सदस्यों के बारे में जानकारी मांगी है। दिल्ली पुलिस ने न्यूज एजेंसी के ट्वीट के हवाले से कहा, “रिपोर्ट का इंतजार है। ग्रुप के पहचाने गए सदस्यों के उपकरण जब्त कर उन्हें फॉरेंसिंक विश्लेषण के लिए भेज दिया गया है। बॉयज़ लॉकर रूम ग्रुप के अन्य सदस्यों की भूमिका का पता लगाया जा रहा है।”
आईएएनएस की अन्य रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया कि 18 वर्षीय लड़के ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह ग्रुप एडमिन था। हालाँकि, वह ग्रुप के बाकी सदस्यों को नहीं जानता है। ग्रुप के अन्य सदस्यों की जान-पहचान वाले इसमें शामिल किए गए थे।
पूछताछ में 11 व्यक्तियों ने ग्रुप से जुड़ा होना स्वीकारा। उनका दावा है कि मामले के सार्वजनिक होने के बाद उन्होंने अपने अकाउंट बंद कर दिए। उन्होंने बाद में एक अन्य ग्रुप बॉयज़ लॉकर रूम 2.0 बनाया। हालाँकि, ग्रुप के व्यवस्थापक ने दूसरे समूह के गठन से इनकार किया है।
इससे पूर्व, मंगलवार को दक्षिणी दिल्ली के एक नामी स्कूल के 15 वर्षीय छात्र को भी साइबर सेल ने इस घटना के संबंध में गिरफ्तार किया था। साकेत पुलिस स्टेशन में एक स्कूल के प्रिंसिपल ने इस बाबत शिकायत की थी। इसके अलावा, एक अन्य शिकायत उत्तरी दिल्ली से मिली थी।
इस बीच गर्ल्स के लॉकर रूम का एक और कथित वर्जन ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। ट्विटर पर साझा किए गए कई स्क्रीनशॉट में आरोप लगाया कि लड़कों की तरह यह भी एक चैट समूह है, जो आपत्तिजनक फोटोज के साथ अश्लील बातें करता है।